5 महीने पहले जिला पंचायत के चुनाव में प्रदेश की पूर्व सीएम उमा भारती की बहू और खरगापुर विधायक राहुल सिंह की पत्नी उमिता सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष चुनी गईं। इसके बाद मंगलवार 29 नवंबर को हुई सामान्य सभा की पहली ही बैठक हंगामेदार रही। बैठक में जिपं उपाध्यक्ष श्याम रतन भक्ति तिवारी लेट पहुंचे। इसी बीच गौशाला के एजेंडे को लेकर चर्चा चल ही रही थी कि जिपं उपाध्यक्ष तिवारी ने कहा कि बल्देवगढ़ में गरीबों के बीपीएल कार्ड नहीं बनाए जा रहे हैं, इसी तरह की समस्या खरगापुर और पलेरा में भी है।
जिस पर जिला पंचायत अध्यक्ष बोलीं कि आप मुद्दे की बात कीजिए, जिस पर उपाध्यक्ष बोले गरीब का कोई मुद्दा नहीं है क्या। तिवारी ने तहसीलदारों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जनसेवा समस्या निवारण शिविरों में सिर्फ दिखावे के लिए एक दो लोगों के बीपीएल कार्ड बनाए गए। जबकि इस समय खरगापुर विधानसभा की तीनों तहसील में बीपीएल कार्ड बनवाने के एवज में 5-10 हजार रुपए लिए जा रहे हैं।
उपाध्यक्ष तिवारी का इतना कहते ही अध्यक्ष श्रीमती सिंह बोलीं कि आप अनुमति लेकर अपनी बात रखिए, इसी बीच दोनों के बीच तीखी नोंक झोंक हुई और अध्यक्ष जिला पंचायत सभाकक्ष से दोपहर 12.44 बजे वॉकआउट करके बाहर चली गईं। इसके बाद पीछे से कुछ अधिकारी जिपं अध्यक्ष को मनाने के लिए हाथ जोड़ते नजर आए, अधिकारियों के मना मनव्वल के बाद जिपं अध्यक्ष श्रीमती सिंह बोलीं कि मेरी बिना अनुमति के बैठक में कोई नहीं बोल सकता है।
गौरतलब है कि बीते दिनों जिपं उपाध्यक्ष श्याम रतन तिवारी का एक वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें वह हमारी मजबूरी थी कि हमने वोट कहां दिया, लेकिन उस पर अब सफाई न देने की बात कहते नजर आए थे। साथ ही उन्होंने वीडियो में कहा था कि व्यक्ति जीवन में जो नहीं करना चाहता वह भी करना पड़ता है। वर्तमान की राजनीति को लेकर भी उन्होंने टिप्पणी की थी। साथ ही कहा था मैंने तो जिपं अध्यक्ष उमिता सिंह के पक्ष में वोट दिया था, जबकि जिपं सदस्य के चुनाव में अध्यक्ष के पति व खरगापुर विधायक राहुल सिंह ने मुझे चुनाव हराने का पूरा प्रयास किया था।
पहली बैठक के दौरान इन मुद्दों पर हुई चर्चा
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