देश का जवान सरहद पर बंदूक चला सकता है और खेत में हल भी। ऐसे ही एक जवान ने पहले देश की सेवा और फिर खेती में हाथ आजमाया। खेती की आधुनिक तकनीक अपनाकर यह फौजी हर महीने 50 हजार रुपए कमा रहा है। आइए जानते हैं आर्मी से रिटायर्ड फौजी के किसान बनने की कहानी।
17 साल देश की सेवा करने के बाद घर लौटे आर्मी के जवान विष्णु शर्मा ने अपनी पुश्तैनी जमीन पर पॉली हाउस लगाकर सब्जी की खेती शुरू की। इसके लिए उन्होंने अपने प्रोविडेंड फंड से साढ़े 12 लाख रुपए खर्च किए। डेढ़ साल तक अपने पॉली हाउस में कड़ी मेहनत करने के बाद अब सब्जी का उत्पादन शुरू हो गया है। बीते 2 माह के दौरान उन्होंने सब्जी बेचकर 1 लाख रुपए का मुनाफा कमाया है। सीधे-सीधे वो हर महीने 50 हजार रुपए की आमदनी कर रहे हैं।
गुजरात जाकर सीखा कैसे करते हैं खेती
पिछले साल 2021 में विष्णु शर्मा ने हवलदार की पोस्ट से सेवानिवृत्त होने के बाद खेती-बाड़ी संभालने का फैसला लिया। अभी तक पुश्तैनी जमीन पर तीन पीढ़ियों से पारंपरिक खेती होती चली आ रही है। विष्णु ने सोचा कि क्यों न खेती की आधुनिक तकनीक को आजमाया जाए। इसके बाद उन्होंने जैविक सब्जी की पैदावार के लिए उद्यानिकी विभाग और कृषि विज्ञान केंद्र के प्रोफेसरों से मुलाकात की। तब उन्हें पता चला कि आधुनिक खेती के कई तरीके हैं, लेकिन उन्हें पसंद आया पॉली हाउस से खेती करना। इसके बाद वे गुजरात गए। वहां जाकर पॉली हाउस में की जा रही खेती की तकनीक को समझा और सब्जियों की फसल को देखा। फिर उन्होंने तय किया कि वे भी पॉली हाउस पर ही खेती करेंगे।
इस साल 5 लाख रुपए के पैदावार की उम्मीद
विष्णु शर्मा ने बताया कि सब्जियों की एक फसल 9 माह के लिए तैयार की जाती है। पौधे 2 माह में तैयार होकर फसल का उत्पादन देने लगते हैं। इस तरह 7 माह तक सब्जियों की फसल का उत्पादन मिलता है। अभी 2 माह के दौरान ककड़ी, फूलगोभी, पत्ता गोभी, बैंगन और शिमला मिर्च का अच्छा उत्पादन हुआ है। करीब 15 दिन बाद टमाटर पककर तैयार हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि सब्जियों की इस बार की फसल से करीब 5 लाख रुपए की आय होने की उम्मीद है। आगामी 2 साल में पॉली हाउस में खर्च की गई राशि निकल आएगी।
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