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आगर में गत दिनों मृत मिले कौओं में से दो में बर्ड फ्लू का वायरस पाए जाने के बाद भले ही सतर्कता बरती जा रही हो, लेकिन पक्षियों के मरने का सिलसिला लगातार जारी हैं। गुरुवार को जिले में 54 कौए व 11 बगुलों की मौत हो गई। पूरे जिले में अब तक 322 पक्षी मृत हो चुके हैं। भोपाल से आए कीट वैज्ञानिकों ने जहां-जहां कौए मृत मिल रहे हैं, उन स्थानों के अलावा ट्रेचिंग ग्राउंड का दौरा कर स्थानीय अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
आगर शहर में पुराना रेलवे स्टेशन जो 7 दिन से हाट स्पाॅट बना हुआ हैं, उसके सहित अन्य स्थानों से 44 कौए मृत मिले। आगर में कोई बगुला मृत नहीं पाया गया, लेकिन जिले में अलग-अलग स्थानों पर 11 बगुलों की मौत हुई हैं।
पहले पक्षियों की मौत आगर में हो रही थी, अब पक्षियों की मरने की जानकारी अन्य स्थानों से भी आ रही हैं। 322 पक्षी अब तक मृत हो चुके हैं, इनमें 20 बगुले हैं। लगातार पक्षियों की मौत होने से अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ हैं।
स्वास्थ्य विभाग के भोपाल मुख्यालय से आए कीट वैज्ञानिक डाॅ. शैलेंद्र कुमार व डाॅ. शैलेष साकल्ले ने जिन स्थानों पर लगातार काैओं की मौत हो रही हैं, का निरीक्षण किया। नपा व पशु पालन विभाग के अधिकारियों को इन वैज्ञानिकों ने निर्देश देते हुए कहा कि इन स्थानों को सैनेटाइज कराया जाए। ट्रेचिंग ग्राउंड पहुंचकर इन्होंने कहा कि मृत पक्षियों को डंप करने के लिए अधिक मात्रा में गड्ढे खुदवाकर रखे तथा एक ही गड्ढे में सब पक्षियों को नहीं डंप किया जाए।
टीम ने अधिकारी व कर्मचारियों को क्या-क्या सावधानी बरतनी हैं, इसकी भी समझाइश दी।जिस स्थान से काैए मृत मिल रहे हैं वहां नपा द्वारा टीम भेजकर उस स्थान व पेड़ों को सैनेटाइज करवाया गया। प्रभारी स्वच्छता निरीक्षक बसंत डूलगज ने बताया सैनेटाइज करने का काम जारी हैं। उप संचालक पशुपालन एसवी कोसरवाल का कहना हैं कि जहां से पक्षियों के मृत होने की जानकारी प्राप्त हो रही हैं उन्हें नपा व नगर परिषद के सफाईकर्मी डंप कर रहे हैं। कोसरवाल ने यह भी कहा कि जिन मुर्गा-मुर्गियों के सैंपल लिए गए थे, उनकी तथा गुरुवार को भेजे गए मृत कौए व बगुले की रिपोर्ट अभी प्राप्त नहीं हुई हैं।
कौए का कराया इलाज- मो.बड़ोदिया | मोहन बड़ोदिया में थाना परिसर में एक कौआ बीमारी से तड़प रहा था। सूचना थाना प्रभारी आरसी आवासीया ने पशुुु चिकित्सा विभाग को दी। सूचना पर पशु चिकित्सा अधिकारी एसएनएन अंबावतिया, नंदी रक्षक शिवनारायण चौहान, संजय बामनिया गो सेवक, रवि एवं संतोष राजपूत गो सेवकों ने हाथों में दस्तानेे एवं मास्क पहनकर बीमार कौए को दवाई पिलाई।
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