नगरीय निकाय चुनाव के लिए बुधवार को होने वाले नागदा के वार्ड आरक्षण की प्रक्रिया पर भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के पूर्व प्रदेश मंत्री अब्दुल हमीद ने रोक लगाने की मांग की है। हमीद ने जिला निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर बताया है कि पहले किए गलत आरक्षण प्रक्रिया को लेकर एक मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। जब तक लंबित याचिका पर कोई निर्णय नहीं होता तब तक आरक्षण प्रक्रिया को रोका जाना चाहिए।
हमीद का कहना है कि 24 नवंबर 2020 को नागदा नगर पालिका वार्ड में आरक्षण किया गया। इसमें वार्ड 8 को लगातार चौथी बार अनुसूचित जनजाति के लिए गलत तरीके से आरक्षित किया था। इस पर ली गई आपत्ति को निरस्त कर मप्र अनुजाति, अनु.जनजाति, पिछड़ा वर्ग और महिलाओं के लिए वार्डों का आरक्षण नियम 1994 और नपा अधिनियम 1956 की धारा 10(1 ) और मप्र, नपा अधिनियम 1961 की धारा 129 उपधारा(1), 29 (अ) नियम तीन के विपरीत काम किया गया है। यह न्याय सिद्धांत के विपरीत नियम विरुद्ध और अवैधानिक है।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बिना सुने निरस्त कर दी आपत्ति
नियमानुसार चक्रानुक्रम में अनुसूचित जनजाति संख्या वार्ड क्रमांक 27 में 245 है। वहीं वार्ड क्रमांक 8 में 185 है। अत: अनु.जनजाति आरक्षण वार्ड क्रमांक 27 में होना था, लेकिन दबाव के कारण वार्ड क्रमांक 8 को अनु.जनजाति के लिए चौथी बार आरक्षित किया गया। इस पर आपत्ति जताई थी, लेकिन जिला निर्वाचन अधिकारी ने बिना सुने व अवसर दिए निरस्त कर दिया, जो असंवैधानिक है।
अवैधानिक होगी आरक्षण की प्रक्रिया
हमीद के अनुसार इस प्रकार गलत लिए निर्णय के खिलाफ उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर में पिटीशन दायर की है। मामला अभी न्यायालय में लटका हुआ है। ऐसे में पुराना मामला हल न हो जाए, तब तक दोबारा वार्ड आरक्षण प्रक्रिया नहीं होनी चाहिए। यह न्यायसंगत ना होकर अवैधानिक होगी।
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