काेराेना संक्रमण के जनता कर्फ्यू से आमजन की आर्थिक हालात पहले ही बिगड़े हैं और जुलाई के बिजली बिल ने उपभाेक्ताओं काे ओर झटका दे दिया है। 500 रुपए तक आने वाला बिजली बिल जुलाई में 2-3 हजार रुपए तक पहुंच गया है, जिसमें टैरिफ का खेल खेला गया है। काेराेना संक्रमण के दाे माह में बिजली कंपनी ने रीडिंग नहीं कराई और एवरेज बिल दिया। तीसरे माह रीडिंग हुई, जिससे एक साथ तीन माह की रीडिंग सैकड़ाें में पहुंची, इससे उनका टैरिफ बढ़ गया और बिजली बिल हजाराें में पहुंच गया है।
आमजनाें की इस समस्या काे पहले नागरिक अधिकार मंच ने उठाया ताे कांग्रेस ने धरना दिया। वहीं भाजपा पूर्व पार्षद भी आमजनाें की शिकायत लेकर बिजली कार्यालय पहुंचे। नागरिक अधिकार मंच अध्यक्ष अभय चाैपड़ा ने बिल संशोधन काे लेकर बिजली कंपनी के डीई केके रायपुरिया काे आवेदन दिया। उन्हाेंने बताया शहर में लगभग 26 हजार बिजली उपभोक्ता है, जिनमें से लगभग 15 हजार उपभोक्ताओं के बिल में टैरिफ का खेलकर कंपनी द्वारा नियम विरुद्ध करीब डेढ़ करोड़ रुपए अतिरिक्त वसूले गए हैं।
शिकायत में बताया अप्रैल और मई की रीडिंग नही लेकर जून में तीन माह की रीडिंग ली गई। पूर्व के दो माह का पिछले बिलों के हिसाब से औसत बिल जान बूझकर दिया, जबकि जून के बिल को ज्यादा टैरिफ में लाकर बड़ा बिजली बिल दिया। जबकि वास्तविक खपत लगाए गए टैरिफ की है ही नहीं। ऐसे में उपभाेक्ता के साथ धोखाधड़ी हुई है। प्रतिमाह रीडिंग लेना कंपनी की जिम्मेदारी है, ऐसे में कंपनी की गलती का हर्जाना उपभाेक्ताओं काे भरना पड़ रहा है।
चाैपड़ा के मुताबिक 150 यूनिट से ज्यादा के टैरिफ में जान बूझकर फंसाया गया है। इससे राज्य शासन से मिलने वाली सब्सिडी भी नहीं मिल पाई है। नागरिक अधिकार मंच अध्यक्ष चाैपड़ा, संयोजक अभिभाषक शैलेंदसिंह चौहान ने बिजली उपभोक्ताओं से अाह्वान किया है कि वह अधिक से अधिक संख्या में अपनी शिकायत दर्ज कराए और उसकी प्रति मंच काे दे। अगर 500 शिकायत दर्ज हाेती है ताे काेर्ट में जनहित याचिका दाखिल की जाएगी।
कांग्रेस ने दिया धरना, एसडीएम काे साैंपा ज्ञापन कहा- लोगों की हालत खराब, दुरुस्त कराएं बिल
अधिक बिजली बिल आने काे लेकर कांग्रेस द्वारा बिजली कंपनी के सरकारी अस्पताल चाैराहे स्थित कार्यालय के बाहर धरना दिया गया। कांग्रेस नेता बाेले कि काेराेना संक्रमण ने आमजन की आर्थिक स्थिति खराब कर दी है। वहीं दूसरी ओर एवरेज बिल देकर आमजनाें काे लूटने की काेशिश की जा रही है ताे बिल जमा नहीं करने पर कनेक्शन काटे जा रहे है। ऐसे में आमजन कहां जाएगा।
कांग्रेस ने एसडीएम आशुताेष गाेस्वामी, डीई के.के.रायपूरिया, एई शशि रंजन काे ज्ञापन साैंपकर बिजली बिल काे दुरुस्त करने की मांग की है। साथ ही अस्पताल चाैराहे पर ही हेल्प डेस्क लगाने का कहा, ताकि लाेगाें काे 1 किमी का सफर तय नहीं करना पड़े। इस माैके पर शहर कांग्रेस अध्यक्ष राधे जायसवाल, रघुनाथसिंह बब्बू, निशा चाैहान, विशाल गुर्जर, अजय शर्मा, पूर्व पार्षद जगदीश मिमराेट, मेघा धवन, याेगेश मीणा आदि कांग्रेस कार्यकर्ता माैजूद थे।
भाजपा पूर्व पार्षद ने बिजली बिल काे लेकर एई काे बताई समस्या, परेशानी जल्द हल करने को कहा
वार्ड 21 में क्षेत्रवासियों द्वारा बिजली बिल को लेकर लगातार शिकायत की जा रही थी। जिसे लेकर पूर्व पार्षद विजय पटेल द्वारा मंगलवार काे एई शशि रंजन काे समस्या से अवगत कराया गया। बुधवार काे एई रंजन ने वार्ड 21 पहुंचकर उपभाेक्ताओं की समस्याओं काे जाना और उन्हें वस्तुस्थिति से अवगत कराया। उपभाेक्ता गोपाल प्रजापत के मीटर में खराबी होने पर उसे तुरंत बदलने के निर्देश दिए।
एक मीटर से 3 घरों में बिजली चलाने को लेकर उन्हाेंने अलग से मीटर लगाने की बात कहीं। साथ ही रीडिंग काे लेकर आ रही समस्या का निराकरण करने की बात कहीं। इधर उपभोक्ताओं ने बताया बिजली कंपनी द्वारा अनाप-शनाप राशि के बिल दिए जा रहे हैं। पहले ही लॉकडाउन और कोरोना के चलते लोगों की आिर्थक स्थिति खराब है। ऐसे मेंं हजारों रुपयों के बिल वे कहां से जमा करेंगे। बिजली कंपनी मनमानी कर एवरेज बिल के नाम पर लोगों से वसूली में लगी है।
भास्कर पड़ताल: बिजलीकर्मियों का अधिक बिल आया ताे डिलिट किया, किसी का माइनस में बिल
जहां एक तरफ आम उपभाेक्ताओं काे एक साथ तीन माह की यूनिट देकर हजाराें रुपए का बिल थमाया गया है। वहीं दूसरी ओर बिजली कर्मचारियाें के बिल में भी गाेलमाल हुआ है। भास्कर ने पड़ताल की ताे पता चला कि बिजली कर्मचारियाें के घर के बिल अधिक आने पर पुराना बिजली बिल डिलिट कर उसे नया जारी कर दिया गया है। यहीं नहीं कुछ कर्मचारियाें के बिल ताे माइनस में चल रहे है।
गुलाबबाई काॅलाेनी क्षेत्र में एक बिजली कर्मचारी का मई का बिल 1555 रुपए था, जिसे डिलिट कर 805 रुपए किया गया। यह कारस्तानी मात्र मई 2021 नहीं, बल्कि मार्च 2020 से चल रही है। इस तरह राजपूत धर्मशाला क्षेत्र के एक कर्मचारी का बिजली बिल नवंबर 2020 से माइनस में ही चल रहा है। भास्कर ने मात्र यह दाे उदाहरण दिए हैं, ऐसे कई और मामले हाे सकते है, जिसकी बिजली कंपनी काे जांच करना चाहिए।
इधर बिजली कंपनी के डीई रायपुरिया ने बताया दाे माह रीडिंग नहीं हुई थी, इसलिए एवरेज बिल दिया है। बिजली कर्मचारियाें के बिल में काेई कारस्तानी हुई ताे उसकी जांच कराई जाएगी। वहीं इस माह से लाॅक सिस्टम चालू कर दिया है, यानि जुलाई में जिस क्षेत्र में मीटर रीडर गया है, उसे अगस्त में किसी अन्य क्षेत्र में भेजा जाएगा। इससे रीडिंग काे लेकर आने वाली शिकायताें का निराकरण भी हाेगा।
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