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विद्यानगर क्षेत्र में महिला से क्रूरता करने वाले सभी आराेपियाें काे पांच दिन में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। आराेपी ससुर सीताराम व माैसी सास कलाबाई घटना के 24 घंटे बाद ही टाॅवर लाेकेशन से पुलिस के हत्थे चढ़ गए थे। तीन दिन पहले मौसी सास के पुत्र राधेश्याम व मनाेहर काे पकड़ा था और अब मुख्य आराेपी पति राजेश साेलंकी व सास गेंदाबाई भी पकड़ा गए हैं। रविवार काे पुलिस ने अंतिम दाे आराेपियाें काे भी काेर्ट में पेश किया, जहां से महिला काे भेरूगढ़ और राजेश काे खाचराैद उपजेल भेज दिया गया। पुलिस सूत्राें के मुताबिक घटना के मुख्य आराेपी राजेश ने पुलिस के सामने अपना कबूलनामा दिया है।
राजेश ने पुलिस से कहा कि हमारी शादी काे 15 साल हाे गए। इन 15 सालाें में मेरी परेशानी की मुख्य वजह पत्नी ही थी। उसने मेरा जीवन बर्बाद कर दिया। वह कहीं भी किसी के भी साथ चली जाती थी। अभी भी वह मेरे मामा के साथ रह रही थी। मैंने उसे समझाने की बहुत काेशिश की। मामा काे भी समझाया, लेकिन उल्टा उसने मेरी ही झूठी शिकायत पुलिस काे की। उसकी इन हरकताें के कारण मैं उससे नफरत करने लगा और आवेश में आकर यह कदम उठाना पड़ा। घटना का अफसाेस ताे है, लेकिन अब क्या करें। घटना के बाद आराेपी राजेश ने एक बेटे काे अपने पिता (आराेपी सीताराम) के साथ सांवेर के पास चंद्रावतीगंज पहुंचा दिया था। जबकि दूसरा बेटा नागदा में ही था। रविवार काे दाेनाें आराेपियाें के साथ बेटा भी माैजूद था। राजेश उज्जैन के किसी व्यक्ति का ट्रक चलाता था।
बिलपांक फाटे से भागने की फिराक में था राजेश
रविवार काे गेंदाबाई व राजेश की गिरफ्तारी का खुलासा कर सीएसपी मनाेज रत्नाकर ने बताया कि 12 जनवरी काे घटना के बाद से ही एएसपी आकाश भूरिया के निर्देशन में मंडी टीआई श्यामचंद्र शर्मा, बिरलाग्राम टीआई हेमंतसिंह जादाैन अपनी टीम के साथ आराेपी की तलाश में जुटे हुए थे। चार आराेपियाें काे ताे टीम ने टाॅवर लाेकेशन व मुखबिर की सूचना के आधार पर पकड़ ही लिया था। रविवार काे सूचना मिली कि मुख्य आराेपी राजेश बिलपांक फाटे से भागने की फिराक में था। जबकि गेंदाबाई पासलाेद में छिपी थी।
राजेश पुलिस काे बिलपांक फंटे पर खड़ा मिला। जिसे पुलिस ने धरदबाेचा। राजेश की निशानदेही पर टीम ने गेंदाबाई काे पासलाेद तरफ से पकड़ा। आराेपियाें काे पकड़ने में एसआई एमएल रावत, एएसआई हिरेंद्रप्रताप सिंह चाैहान, प्रधान आरक्षक दयाशंकर, आरक्षक सुरेश दांगी, कालूराम, मनीष व्यास, जितेंद्र सेंगर की भूमिका रही। राजेश पैदल ही थांदला पहुंच गया था, वहां से ट्रक में बैठकर बिलपांक आया था।
अंग जानवरों ने खाए, पुलिस काे मिली खून से लथपथ थैली
महिला के अंग काटने के बाद आराेपी उन्हें अपने साथ ही ले गया था। आराेपी राजेश ने अंगाें काे एक थैली में भरा और पैदल-पैदल ही वह पासलाेद जंगल में पहुंचा। जहां उसने पुलिया के नीचे तलवार और इस थैली काे दबा दिया था। पुलिस ने बताया कि महिला के अंग जानवर खा गए। इसलिए माैके से खून से लथपथ थैली (इसमें महिला के अंग रखे थे) व तलवार मिली।
आराेपियाें का ब्याैरा : राजेश पर दाे मारपीट के केस
घटना में दाे महिला के साथ चार पुरुष काे पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया आराेपी राधेश्याम पर एक भी अपराध नहीं है। मनाेहर पर एक मारपीट, मुख्य आराेपी राजेश पर मारपीट के दाे केस व सीताराम पर मारपीट का एक केस दर्ज है।
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