एक जुलाई से शुरू हुए किल कोरोना अभियान में सर्वे टीमों काे स्वास्थ्य विभाग ने अब तक पूरी सुरक्षा किट नहीं दी है। सर्वे के दौरान अधिकांश कर्मचारी बिना ग्लब्स, सैनिटाइजर और मास्क के ही सर्वे कर रहे हैं। इस स्थिति से टीम को संक्रमण होने का खतरा भी बना हुआ है, क्योंकि महिला कर्मचारी मुंह पर चुन्नी, स्कार्फ, रूमाल लपेटकर ड्यूटी कर रही हैं। आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी, एएनएम सहित 296 टीम सर्वे के काम में लगी हुई हैं। टीम में 968 कर्मचारी ड्यूटी कर रहे हैं। 15 जुलाई तक चलने वाले सर्वे के दौरान टीम को प्रशिक्षण के दौरान सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए लोगों की स्क्रीनिंग के साथ सर्दी, खांसी, बुखार, मलेरिया, डेंगू सहित गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण की भी जांच करना है। ऐसे में एक भी संक्रमित की चपेट में आया तो पूरी चेन संक्रमित हो सकती है। सर्वे टीम को स्वास्थ्य विभाग से सुरक्षा के लिए सैनिटाइजर, ग्लब्स, मास्क, थर्मामीटर जैसे जरूरी उपकरण देना थे। नगर में करीब 37 कोरोना पॉजिटव मामले सामने आ चुके हैं। इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग लापरवाह बना हुआ है। कुछ ही कर्मचारी मास्क का उपयोग कर रही है, जबकि गिनती के कर्मचारियों के पास ही सैनिटाइजर है। ^टीम को आवश्यक सुरक्षा सामग्री उपलब्ध करा गई है। यदि किसी के पास खत्म हो गई हो तो अपने मेडिकल सुपर वाइजर से ले सकते हैं। आर.पी. वर्मा, एसडीएम, महिदपुर
छिपा रहे खुद की बीमारी, टीम से बोल रहे हम स्वस्थ
कोरोना संक्रमण की चैन तोड़ने के लिए चल रहे किल कोरोना अभियान में लगी टीमों को अजब, गजब स्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। सर्वे के दौरान लोग ने केवल बुखार, खांसी, जुकाम जैसी बीमारियों को छिपा रहे हैं, बल्कि घर की महिलाओं के बारे में तो जानकारी देने से ही कतरा रहे हैं। जून महीने में अचानक कोरोना संक्रमण के मरीज तेजी से बढ़ने के बाद प्रदेश सरकार द्वारा 1 से 15 जुलाई तक किल कोरोना अभियान शुरू कराया गया है। टीमों द्वारा कोरोना के संदिग्धों के साथ ही डेंगू, मलेरिया, बच्चों के टीकाकरण, गर्भवती महिलाओं की स्थिति का भी सर्वे करना है।
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