विक्रम विश्वविद्यालय शिक्षक संघ द्वारा पदोन्नति को लेकर चल रहे धरना प्रदर्शन में शामिल रहने वाले रीडर डॉ. एसके जैन का यह अंतिम धरना होगा किसी को नहीं पता था। डॉ. जैन मंगलवार शाम को धरने के बाद देर शाम तक विश्वविद्यालय में भी रुके थे। बुधवार सुबह उनके निधन की सूचना मिली, तो किसी को विश्वास ही नहीं हुआ।
विक्रम विश्वविद्यालय में 2007 में माइक्रोबायोलॉजी विषय के रीडर के पद पर पदस्थ हुए डॉ. सुधीर कुमार जैन का बुधवार सुबह हार्ट अटैक से निधन हो गया। उनके साथी शिक्षकों को विश्वास नहीं हो रहा था कि डॉ. जैन नहीं रहे। उनके साथ रहने वाले शिक्षक डॉ. उमेश कुमार सिंह ने बताया कि पदोन्नति के लिफाफे खोलने के लिए शिक्षक संघ के धरना प्रदर्शन में मंगलवार को दोपहर 3 से 5 बजे तक विश्वविद्यालय परिसर स्थित विक्रमादित्य प्रतिमा के समक्ष धरने में डॉ. एसके जैन मौजूद थे। इसके बाद भी करीब 7.30 बजे तक हम सभी विश्वविद्यालय में ही थे।
बुधवार रात करीब 3.30 बजे डॉ. जैन की अचानक तबीयत खराब होने की सूचना के बाद अस्पताल लेकर पहुंचे थे। उपचार शुरू होने के पहले ही उनका निधन हो गया। स्व. डॉ. जैन का बेटा पलाश जैन इसरो के बेंगलुरु स्थित सेंटर पर साइंटिस्ट के पद पर पदस्थ हैं। 59 वर्षीय हमेशा हंसमुख रहने वाले डॉ. जैन के साथ उज्जैन में पत्नी और बेटी पलक रहते थे। बुधवार सुबह 9 बजे डॉ. जैन की पार्थिव देह को पैतृक निवास सागर के लिए रवाना किया। डॉ. जैन के निधन कि सूचना मिलने के बाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडे व शिक्षक उनके निवास पर पहुंच गए थे।
विश्वविद्यालय परिवार में शोक व्याप्त हो गया। गौरतलब है कि विद्यालय के शिक्षकों के पदोन्नति के लिफाफे विगत 6 महीने से खुलने की इंतजार में हैं। लिफाफा खोलने की मांग को लेकर शिक्षक संघ 30 जनवरी से प्रतिदिन धरना प्रदर्शन कर विरोध कर रहा है। किसी को नहीं पता था कि मंगलवार को धरने में शामिल हुए डॉ. एसके जैन का यह धरना प्रदर्शन अंतिम होगा।
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