उज्जैन में फुटवियर व्यापारी की जेब में रखा मोबाइल गर्म होने से फट गया। धमाके के बाद आग लगने से व्यापारी की जींस और पैर भी जल गया। साथ ही आग बुझाने की कोशिश में व्यापारी का एक हाथ भी हल्का सा झुलस गया। जो मोबाइल फटा, वो रेडमी कंपनी का था।
ये हादसा शहर के निजातपुरा इलाके में गंगा फुटवियर के नाम से जूते-चप्पल की शॉप चलाने वाले निर्मल पमनानी के साथ हुआ। वह शनिवार दोपहर को दुकान पर बैठे थे, तभी जींस में रखा मोबाइल गर्म होकर फट गया। इससे उनकी जींस में आग लग गई। तभी पास में बैठे निर्मल के दोस्त ने आग बुझाई और जींस फाड़कर जलता हुआ मोबाइल निकाला। इसके बाद व्यापारी को अस्पताल लेकर पहुंचा।
हालांकि फोन में धमाके का यह पहला केस नहीं है। ज्यादातर केसेज में मोबाइल फोन फटने की वजह बैटरी होती है। जानिए, ऐसा क्यों होता है, इससे कैसे बचा जा सकता है....
बैटरी फटने की वजह
फोन के गिरने या दूसरी वजहों से बैटरी डैमेज हो जाती है। बैटरी कई सारे सेल्स को जोड़कर बनी होती है। पुराना होने पर सेल्स के बीच की लेयर टूट जाती है और बैटरी फूल जाती है। इससे शॉर्ट-सर्किट होकर बैटरी में ब्लास्ट का डर बना रहता है। बैटरी का गर्म होना भी ब्लास्ट की एक वजह है। बैटरी ज्यादा गर्म है तो समझ लीजिए कि इसके फटने का खतरा बहुत ज्यादा है। बैटरी के टेम्प्रेचर बढ़ने को थर्मल रनअवे कहा जाता है।
जानिए, क्या होता है थर्मल रनअवे
बैटरी के लगातार टेम्प्रेचर बढ़ने (यानी गर्म होने) की प्रोसेस को थर्मल रनअवे कहा जाता है। ऐसा तब होता है, जब बैटरी का कोई हिस्सा किसी वजह से बहुत ज्यादा गर्म हो जाए और जल्दी ठंडा ना हो पाए। अच्छी कंपनी की बैटरी-मोबाइल फोन में इस तरह की प्रॉब्लम्स को कंट्रोल करने के इंतजाम होते हैं। सस्ते फोन-बैटरी बढ़े तापमान को नहीं झेल पाते। इसके साथ ही मोबाइल प्रॉसेसर भी फोन के फटने में थोड़ा रोल अदा करता है। प्रोसेसर बैटरी के पास ही लगा होता है।
प्रोसेसर भी एक वजह
फोन पर ज्यादा लोड पड़ने से प्रोसेसर गर्म होकर बैटरी को भी गर्म कर देता है। अच्छी कंपनीज के मोबाइल में हाई-एंड चिप पर हीट सिंक लगी होती है। यह सिंक गर्मी को बैटरी से दूर रखता है। फोन जल्दी ठंडा कर देता है। जिन फोन में हीट सिंक नहीं होता, उनमें आग लगने खतरा रहता है।
फोन को फटने से ऐसे बचाएं?
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