नॉर्थ त्रिपुरा में फैले साम्प्रदायिक तनाव को लेकर ज्ञापन लेकर पहुंचे पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) के 6 सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार कर उज्जैन के माधवनगर थाना में धारा 153, 295, 505 1(c)(2) 188 के तहत प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तार किया है। पुलिस ने प्रारंभिक पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया।
ज्ञापन में बेहद आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया था। इस वजह से 6 को गिरफ्तार किया गया था। संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने कहा कि पीएफआई पर कठोर कार्रवाई होगी। देश की सुख शांति भंग करने की हिमाकत करेगा तो उसे छोड़ा नहीं जाएगा।
सभी आरोपी शहर के आगर नाका, बेगम बाग, फाजलपुरा में रहते हैं। पकड़े गए तीन आरोपी यूसुफ, इमरान व शाहिद सहित तीन अन्य हैं। जिन्हें गिरफ्तार कर पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया है।
देश के कई राज्यों में पहले से प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के कार्यकर्ता के खिलाफ स्वतः संज्ञान लेते हुए उज्जैन पुलिस ने 6 लोगों पर माधव नगर थाने में मामला दर्ज किया है। दरअसल त्रिपुरा में हुई हिंसा के बाद 29 अक्टूबर को पीएफआई के सदस्य उज्जैन कलेक्टर के पास ज्ञापन देने गए थे।
कलेक्टर से मुलाकात नहीं होने के कारण ज्ञापन कार्यालय में दे दिया गया। यहां से नियमानुसार ज्ञापन अफसरों के पास पहुंचा। जिसे पढ़ते ही कलेक्टर कार्यालय में हड़कंप मच गया। जिसके बाद तत्काल पुलिस को सूचना देकर ज्ञापन में लिखी बेहद आपत्ति जनक बयान के बारे में सूचना दी। जिसके बाद पुलिस हरकत में आई और तत्काल पीएफआई के 6 सदस्यों पर दंगा भड़काने, साम्प्रदायिक माहौल बिगाड़ने व अन्य धाराओं में धारा 153, 295, 505 1(c)(2) 188 के तहत मामला दर्ज किया है।
एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल ने बताया कि 3 दिन पहले एक ज्ञापन पीएफआई के कुछ कार्यकर्ता कलेक्टर कार्यालय में देकर गए थे। ज्ञापन में जिस तरह की भाषा का उपयोग किया गया था वो अपराध की श्रेणी में आती है। इसे गम्भीरता से लेते हुए पीएफआई के 6 सदस्यों को गिरफ्तार किया था। चूंकि इन धाराओं में 7 वर्ष के कम की सजा का प्रावधान है इसलिए नोटिस की कार्रवाई पर पूछताछ कर छोड़ दिया है। सभी सदस्यों की गतिविधियों पर पुलिस नजर रखे हुए हैं। ज्ञापन की भी जांच की जा रही है।
उज्जैन में पीएफआई पहले भी विवाद में रहा
जुलाई में ईद के मौके पर उज्जैन की कई मस्जिदों और मुस्लिम बाहुल इलाकों में पीएफआई के पोस्टर लगाए गए थे। इससे विवाद खड़ा हो गया था। इसमें कुर्बानी के नाम पर चंदा उगाने की बात सामने आई थी। इसके अलावा पीएफआई के स्थापना दिवस पर मंच से कई कार्यकर्ताओं ने विवादित भाषण भी दिया था।
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