उज्जैन में कोरोना के लगातार बढ़ रहे मरीजों के बीच मप्र के स्वास्थ्य विभाग ने डिस्चार्ज को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है। दरअसल अधिकांश मरीजों को होम आइसोलेशन में रखकर ही उपचार किया जा रहा है। इस वजह से डिस्चार्ज की गाइडलाइन भी नए सिरे से तय कर दी है।
स्वाथ्य विभाग ने साफ तौर पर कहा है कि यदि कोविड पेशेंट को माइल्ड लक्षण हैं और बुखार नहीं आ रहा है तो उन्हें बिना कोविड टेस्ट के डिस्चार्ज किया जा सकता है।
स्वास्थ्य विभाग की इस गाइडलाइन की मानें तो उज्जैन में गुरुवार व शुक्रवार से डिस्चार्ज होने वालों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी होगी। दरअसल यहां 4 जनवरी से ही रोजाना पेशेंट की संख्या बढ़ रही थी।
इसे यूं भी समझ सकते हैं कि 4 जनवरी को 22 मरीजों की कोविड टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। तो 22 मरीजों को ही बुधवार को डिस्चार्ज किया गया। इसके एक दिन बाद 5 जनवरी को 35 मरीज कोविड पॉजिटिव आए थे। इसके चलते माना जा सकता है कि गुरुवार को भी तीस से अधिक मरीज डिस्चार्ज हो सकते हैं। यानी आने वाले दिनों में स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या भी पॉजिटिव जितनी हो सकती है।
माइल्ड केस है तो –
तीन दिन तक लगातार बुखार न आए तो सातवें दिन डिस्चार्ज किया जाएगा। डिस्चार्ज के पहले कोरोना टेस्ट की जांच जरूरी नहीं।
डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर में भर्ती है तो –
लगातार तीन दिन तक ऑक्सीजन सेचुरेशन 93% है पर ऑक्सीजन सपोर्ट की जरुरत नहीं। और स्वास्थ्य लगातार बेहतर हो रहा है। ऐसे मरीजों को गंभीर लक्षण नहीं हैं तो डॉक्टर उन्हें कोविड टेस्ट किये बगैर सात दिन में डिस्चार्ज कर सकते हैं।
ऑक्सीजन की जरुरत लगातार बनी रही तो –
ऐसे मरीजों को क्लीनकल लक्षणों में सुधार होने पर और बिना ऑक्सीजन सपोर्ट के लगातार तीन दिन तक ऑक्सीजन सपोर्ट मेंटेन रहे और स्वास्थ्य में जटिलता न हो तो डॉक्टर मरीज को डिस्चार्ज कर सकेंगे।
यदि मरीज क्रिटिकल है तो –
यदि मरीज क्रिटिकल है और उनहें हार्ट, शुगर, कैंसर, एचआईवी या अन्य कॉम्प्लीकेशन हैं और मरीज ठीक नहीं हो रहा। तो डॉक्टर की निगरानी में उपचार कराना होगा। डॉक्टर ही डिस्चार्ज तय करेंगे।
दिन कोविड मरीज
4 जनवरी 22
5 जनवरी 35
6जनवरी 50
7 जनवरी 65
8 जनवरी 63
9 जनवरी 93
10 जनवरी 124
11 जनवरी 175
12 जनवरी 107
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