उज्जैन में शुक्रवार सुबह जिला प्रशासन और नगर निगम की टीम ने हरि फाटक ओवर ब्रिज के पास कई सालों से जमे अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी। सुबह 6 बजे से निगम का अमला मन्नत गार्डन के पास वाली अतिक्रमण वाली जमीन पर पहुंच गया था। यहां 5 थानों का पुलिस फोर्स भी तैनात था। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत यहां पार्किंग सहित शिप्रा नदी के घाट, गार्डन, वॉकर जोन बनेंगे।
इंदौर रोड पर वाकणकर (हरि फाटक) ओवर ब्रिज के पास की करोड़ों रुपए की जमीन पर करीब 15 वर्षों से अधिक समय से दुकानदान, ट्रेवल्स, गैरेज संचालक सहित लोहे की अलमारी बनाने वालों ने कब्जा कर रखा था। एडीएम नरेंद्र सूर्यवंशी ने बताया की अमले के पहुंचने के बाद कार्रवाई के दौरान लोगों ने अपना सामान हटाना शुरू कर दिया। कोई विरोध नहीं हुआ है। कोर्ट के आदेश के बाद जमीन को खाली कराने की कार्रवाई की जा रही है।
नगर निगम कमिश्नर क्षितिज सिंघल ने बताया कि पौने दो हेक्टर की बेशकीमती जमीन पर किया अतिक्रमण हटा दिया है। यहां स्मार्ट सिटी का प्लान के तहत शिप्रा नदी किनारे घाट, अर्बन फॉरेस्ट के रूप में डेवलपमेंट कर गार्डन, वॉकर जोन व पार्किंग बनाए जाएंगे। कार्रवाई में एडिशनल एसपी अमरेंद्र सिंह, सीएसपी पल्ल्वी शुक्ला सहित पांच थाने का बल और एसएएफ के जवान सहित आला अधिकारियों ने सुबह से ही मोर्चा संभाल लिया था।
प्रशासन ने 7 दिन पहले दिया था नोटिस
कब्जा हटाने के लिए इन्हें कई बार नोटिस दिए गए। इसके बाद अतिक्रमण करने वाले संचालक हाइकोर्ट चले गए थे। हाइकोर्ट ने 30 जून को अतिक्रमण तोड़ने के आदेश दे दिए थे। हाइकोर्ट के आदेश के बाद संचालकों ने प्रशासन से 45 दिन का समय मांग कर खुद ही अतिक्रमण हटाने की बात कही थी। इनकी समय सीमा 16 अगस्त को खत्म हो गई थी। तब प्रशासन ने सभी 150 अतिक्रमणकारियों को 7 दिन में जगह खाली करने का नोटिस दिया था। ताकि लोग अपना सामान हटा लें, लेकिन किसी ने भी अतिक्रमण नहीं हटाया। सात दिन की समय सीमा खत्म होने के बाद शुक्रवार को प्रशासनिक अमले ने सभी अतिक्रमण जमींदोज कर यह जमीन अतिक्रमण से मुक्त करा दी।
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