सालभर बाद भी नहीं मिला बेटी का गुनहगार:पिता का दर्द- पुलिस पता तक नहीं लगा पाई आरोपी कौन

उज्जैन2 महीने पहलेलेखक: आनंद निगम
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उज्जैन से 35 किलोमीटर दूर काकुल खेड़ी गांव के एक घर में मकर संक्रांति नहीं मनी। घर के हर कोने में मायूसी है। आज से ठीक एक साल पहले इस घर ने अपनी होनहार बेटी खो दी थी। उसकी गैर इरादतन हत्या हुई, लेकिन आरोपी को आज तक नहीं पकड़ा जा सका। और शायद कभी पकड़ा भी नहीं जा सकेगा। क्योंकि चायनीज मांझे ने इस बेटी की जिंदगी की डोर काट दी। पतंग कौन उड़ा रहा था? पता नहीं चला। चायनीज मांझे से होने वाले इस तरह के हादसे गैर इरादतन हत्याएं हैं, जिनमें अपराधी पकड़ में नहीं आते।

बेटी को खोने का गम तो परिवार को है ही। दुख इस बात का भी है कि वे सालभर बाद भी उसे न्याय नहीं दिला सके। उसके अपराधी को जेल नहीं पहुंचा सके। दैनिक भास्कर ने काकुल खेड़ी गांव जाकर लड़की के पिता अंतर सिंह से बात की। उन्होंने बताया- बेटी पुलिस अफसर बनना चाहती थी।

पहले उस हादसे को जान लेते हैं, जिसमें 20 साल की छात्रा की जान चली गई थी

20 साल की नेहा आंजना 11वीं की छात्रा थी। उज्जैन में बुआ के घर रहकर पढ़ाई कर रही थी। उसका सपना पुलिस अफसर बनने का था।
20 साल की नेहा आंजना 11वीं की छात्रा थी। उज्जैन में बुआ के घर रहकर पढ़ाई कर रही थी। उसका सपना पुलिस अफसर बनने का था।

काकुल खेड़ी गांव की नेहा आंजना (20) उज्जैन में बुआ के यहां रहकर पढ़ाई कर रही थी। वह ज्ञान सागर स्कूल की होनहार स्टूडेंट थी। बात 15 जनवरी 2022 की मकर संक्रांति की है। नेहा अपनी बुआ की बेटी निकिता के साथ स्कूटी से जा रही थी। स्कूटी नेहा चला रही थी। उज्जैन शहर के जीरो पॉइंट ब्रिज पर उसके गले में चायनीज मांझा उलझ गया। खुद को बचा पाती, इतने में पतंगबाज ने तेजी से डोर खींच दी।

गले से फूट पड़ा खून का फव्वारा

डोर से गला कटने पर खून का फव्वारा फूट पड़ा। घटनास्थल पर काफी खून बह गया। लोग तमाशबीन बने रहे। बाद में वहां से निकल रहे एडवोकेट रवींद्र सिंह सेंगर ने छात्रा की मदद की। सेंगर ने घायल छात्रा को कार में बैठाया और पाटीदार अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन उसकी मौत हो चुकी थी। सांस की नली के कटने और अधिक खून बहने से उसे बचाया नहीं जा सका था।

पिता का दर्द...बेटी को इंसाफ नहीं दिला सका

नेहा के पिता अंतर सिंह आज भी उस दिन को याद कर सिहर उठते हैं, जब उनकी बेटी का गला चायनीज मांझे से कटा था। वे बताते हैं, बेटी IPS अधिकारी बनना चाहती थी। 4 साल पहले उसने घर में उज्जैन में आगे की पढ़ाई करने का जिक्र किया तो उसके दादा यानी मेरे पिता ने मना कर दिया था। कहा था- जल्द शादी करना है, लेकिन, नेहा को अधिकारी बनने का जुनून था। उसकी जिद की वजह से ही हम लोग पढ़ाई के लिए उज्जैन भेजने को राजी हो गए।

नेहा के पिता अंतर सिंह आज भी उस दिन को याद कर सिहर उठते हैं। जब उनकी बेटी का गला चायनीज मांझे से कटा था।
नेहा के पिता अंतर सिंह आज भी उस दिन को याद कर सिहर उठते हैं। जब उनकी बेटी का गला चायनीज मांझे से कटा था।

इसके बाद वह उज्जैन में बुआ के घर पढ़ाई करने आ गई। वह 11वीं में थी। काफी होशियार बेटी थी मेरी। उसके जाने के बाद पूरा घर सूना हो गया है। पुलिस ने धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) का केस दर्ज किया, लेकिन एक साल बाद भी आरोपी तक नहीं पहुंच सकी। अफसोस है कि बेटी को इंसाफ नहीं दिला सका। नेहा से बड़ी एक बेटी है। उसकी शादी हो चुकी है। एक बेटा है।

नेहा का हत्यारा अब तक आजाद क्यों?
नेहा की मौत के बाद उज्जैन के देवास गेट थाने में धारा 304 ए में केस दर्ज हुआ। पुलिस ने जांच की बात कही थी। लेकिन, पुलिस हत्या के आरोपी तक नहीं पहुंच पाई। ये पता ही नहीं चल पाया कि जिस पतंग की डोर से नेहा का गला कटा, उसे कौन उड़ा रहा था।

नेहा की मौत के बाद उज्जैन के देवास गेट थाने में धारा 304 ए में केस दर्ज हुआ।
नेहा की मौत के बाद उज्जैन के देवास गेट थाने में धारा 304 ए में केस दर्ज हुआ।

अगर पढ़ने जाने से रोका होता तो वो जिंदा होगी

नेहा की बड़ी बहन नीता और छोटा भाई ओम दोनों आज भी उस दिन को याद करते हैं, जब दादा ने उसे उज्जैन भेजने से मना किया था। उनका कहना है कि अगर दादा के कहने पर उसे रोक देते तो शायद आज हमारी बहन जिन्दा होती। आज नेहा की याद में पूरा परिवार गमगीन है। घर में सन्नाटा पसरा है।

अब ब्रिज पर जाने से भी लगता है डर

चायना डोर से नेहा की मौत हुई, उस दौरान उसकी बहन निकिता भी साथ थी, निकिता ने बताया कि हम फ्रीगंज की और जा रहे थे। इस दौरान अचानक डोर आई हम कुछ समझ पाते, इससे पहले हम गिर गए। देखा तो नेहा के गले से से खून बह रहा था। अस्पताल ले गए जहां उसकी मौत हो गई। अब उस ब्रिज से गुजरने से भी डर लगता है। हम दोनों बहनें हमेशा साथ रहती थी। कहीं भी जाना हो तो साथ जाते थे, लेकिन एक दम से सब खत्म हो गया।

ब्रिज का नाम नेहा के नाम पर हो

नेहा की मौत के बाद उसके फूफाजी ने प्रशासन ने मांग की है कि जिस ब्रिज पर चायना डोर ने नेहा की जान ली है। उस ब्रिज का नाम नेहा के नाम से किया जाए ताकि उसके नाम से ब्रिज पर चलने वाले लोग हमेशा सचेत रहे।

नेहा की मौत के दूसरे दिन प्रशासन ने तोड़ डाले थे 3 दुकानदारों के मकान

नेहा की मौत के दूसरे दिन उज्जैन पुलिस और प्रशासन एक्शन में आया था। तब महाकाल थाना पुलिस ने अब्दुल जब्बार निवासी उपकेश्वर चौराहा तोपखाना की चुलबुल पतंग सेंटर के अवैध निर्माण को गिरा दिया था। सेंटर से चायना डोर की 26 चकरी जब्त की थी। चायना डोर बेचने वाले तीन दुकानदारों के मकान तोड़ दिए थे। एक दुकान भी गिरा दी थी।

महाकाल थाना पुलिस ने अब्दुल जब्बार निवासी उपकेश्वर चौराहा तोपखाना की चुलबुल पतंग सेंटर के अवैध निर्माण को गिरा दिया था। सेंटर से चायना डोर की 26 चकरी जब्त की थी।
महाकाल थाना पुलिस ने अब्दुल जब्बार निवासी उपकेश्वर चौराहा तोपखाना की चुलबुल पतंग सेंटर के अवैध निर्माण को गिरा दिया था। सेंटर से चायना डोर की 26 चकरी जब्त की थी।

अब क्लोजर रिपोर्ट लगाएगी पुलिस

एसएसपी सत्येंद्र शुक्ल ने बताया कि अभी मामले में जांच चल रही है। नेहा की मौत के तुरंत बाद ही माधव नगर थाना और देवास गेट थाने की टीम ने हीरा मिल की चाल, फ्रीगंज और जाल कंपाउंड तक सर्चिंग कर लोगों से पूछताछ की थी, लेकिन कुछ पता नहीं चला। ऐसे में मामलों में आरोपी को पकड़ा जाना मुश्किल है। ऐसे में जल्द ही मामले में क्लोजर रिपोर्ट लगाएंगे।

कानून की भी मुश्किल

कानूनी मामलों के जानकार एडवोकेट हरदयाल सिंह ठाकुर ने बताया कि इस मामले में आरोपी को पुलिस पकड़ भी लेती है, तो गवाह मिलना मुश्किल होंगे। ऐसे में वे आसानी से छूट जाएंगे। पुलिस एक साल तक कुछ नहीं कर पाई, लेकिन पीड़ित पक्ष चाहता तो उस दौरान घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज या कुछ लोगों से बात कर गवाह तैयार कर सकता है। चायना डोर से कटने या मौत के मामलों में काफी हद तक आरोपी पकड़ पाना बहुत मुश्किल है। क्योंकि यह तय नहीं किया जा सकता कि जिस डोर युवती की मौत हुई या किसी का अंग कटा, उसका कौन उपयोग कर रहा था।

MP में चायना मांझे की बिक्री बैन, गृहमंत्री कह चुके NSA लगाएंगे

मध्यप्रदेश में चायना मांझे की बिक्री पर रोक है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा चायना मांझा बेचने वालों पर NSA लगाने तक की चेतावनी दे चुके हैं। उन्होंने कहा है- अगर कोई चायनीज मांझा बेचने के बारे में सोचता भी है, तो वह संभल जाए। दुकानदार पकड़े भी जा रहे हैं, घर भी तोड़े जा रहे हैं। बावजूद चायना मांझे की जमकर खरीदी-बिक्री हो रही है। दुकानदार इसे बेचने से बाज नहीं आ रहे। दिसंबर से अब तक उज्जैन में ही 8 लोग चायना मांझे में उलझकर घायल हो चुके हैं।

हाल ही में चायना मांझे से हुए हादसे...

14 जनवरी: गला कटा, 8 टांके आए

मुंडली निवासी बद्री लाल तराना से उज्जैन आ रहे थे। इसी बीच पाटपाला के पास चायना डोर उनके गले में आकर उलझ गई। उन्होंने उसे हाथ से हटाकर बचने की कोशिश भी की, लेकिन इतने में पतंगबाज ने डोर खींच दी। इससे गर्दन पर गहरा घाव हो गया। उन्हें घायल हालत में जिला अस्पताल ले जाया गया। गले से बह रहे खून को रोकने के लिए डॉक्टर ने 8 टांके लगाए।

14 जनवरी : चायना डोर से बालिका की गर्दन कटी, 7 टांके आए
शुक्रवार काे नालछा निवासी 3 वर्षीय नीलम पिता सुनील बड़गुर्जर अपने माता-पिता के साथ बाइक से अपने मामा के घर जा रही थी। नालछा बस स्टैंड के पास पुलिया पर चलती बाइक पर डाेर उलझने से उसकी गर्दन कट गई। माता-पिता उसे अस्पताल ले गए, जहां से जिला अस्पताल रेफर किया। प्राथमिक उपचार देकर 7 टांके लगाए।

13 जनवरी: नाक और होंठ कटे

शुक्रवार (13 जनवरी) की दोपहर भाजपा दीनदयाल मंडल के कार्यालय मंत्री विष्णु पोरवाल (40) अपने ऋषि नगर स्थित निवास से चचेरे भाई के साथ जयसिंह पुरा पोरवाल धर्मशाला जा रहे थे। इसी दौरान रास्ते में चायना मांझा उनके चेहरे के सामने आ गया। इससे उनकी नाक और होंठ कट गए। हादसे के बाद उन्हें शहर के प्राइवेट अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया गया है।

9 जनवरी: व्यक्ति के पैर की नस कटी

9 जनवरी की शाम। राजेंद्र नगर निवासी बने सिंह घर के बाहर चौराहे पर पहुंचे, तभी उनके पैर में चायना डोर उलझ गई। वे डोर निकाल पाते, इतने में पतंगबाज ने डोर खींच दी। इससे उनके पैर की नस कट गई। घायल हालत में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।

8 जनवरी: होमगार्ड सैनिक के साथ हादसा, गले में 10 टांके आए

8 जनवरी को वीआईपी ड्यूटी में तैनात होमगार्ड सैनिक सुजीत ठाकुर का चायना मांझे से गला कट गया। होमगार्ड विभाग में पदस्थ सुजीत की रविवार को महामृत्युंजय द्वार पर वीवीआईपी इंतजाम में ड्यूटी थी। वह बाइक से महामृत्युंजय द्वार होते हुए नानाखेड़ा की तरफ जा रहे थे, इसी दौरान चायना मांझा उनके गले में आकर उलझा और बहुत ही तेजी से गले को काटते हुए गहरा घाव कर गया। मांझे से घायल सैनिक सुजीत काे साथी पुलिसकर्मी भगवान पंथी ने लोगों की मदद से अस्पताल भिजवाया। उनके गले में 10 टांके आए।

4 जनवरी: समय रहते पिता ने रोकी बाइक तब बची बेटी की जान

4 जनवरी की शाम उज्जैन के कोतवाली थानाक्षेत्र में रहने वाले मोहम्मद गुलशेर बेटी साहिबा (6) को स्कूल से लेकर घर लौट रहे थे। बेटी बाइक पर आगे बैठी थी। उसके गले में चायना डोर उलझ गई। वह तड़पने लगी। समय रहते पिता ने बाइक रोककर चायना डोर काे अलग कर दिया, नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था। प्राथमिक उपचार के बाद बच्ची को छुट्‌टी दे दी गई है।

13 दिसंबर को भी हुआ था हादसा
ऊपर बात 11 दिन में 5 हादसों की हुई। इससे पहले 13 दिसंबर को भी हादसा हुआ था। शहर के मालीपुरा निवासी शैलेंद्र परमार, दोस्त शुभम गहलोत के साथ चक्रतीर्थ गणेश मंदिर दर्शन कर मालीपुरा स्थित घर जा रहे थे। इसी दौरान ढाबा रोड पर चायना डोर शैलेंद्र के गले में आ गई। गले में चोट आई थी। शुभम का हाथ शैलेंद्र के गले से डोर निकालते वक्त कट गया था।

15 दिसम्बर को पंडित की उंगली कटी
चिंतामन गणेश मंदिर के ईश्वर पुजारी शांति पैलेस के पीछे इनर रिंग रोड पर मंदिर से उज्जैन की और आ रहे थे इस दौरान चाइना डोर जैसे ही गले पर आई वैसे ही अपने हाथों से डोर को हटाने का प्रयास किया जिससे हाथों की उंगलियां कटी गई जिसमें 5 टांके आए है।

ईश्वर पुजारी के हाथों की उंगलियां कट गई थी। इसमें तीन टांके लगाने पड़े थे।
ईश्वर पुजारी के हाथों की उंगलियां कट गई थी। इसमें तीन टांके लगाने पड़े थे।

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बुलडोजर चल चुके, गृहमंत्री भी सख्त एक्शन की चेतावनी दे चुके

उज्जैन प्रशासन चायनीज मांझा बेचने पर दुकानदारों के घर और दुकानों पर बुलडोजर चला चुका है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा भी सख्त एक्शन की चेतावनी दे चुके हैं। उन्होंने कहा था- ​​​​​​ चायनीज मांझा बेचने वालों के खिलाफ अब पुलिस पहले से ज्यादा कठोर कार्रवाई करेगी। रासुका (NSA) के तहत एक्शन लिया जाएगा। पूरी खबर पढ़िए