उज्जैन में आज से ही कई पैरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल भेजने वाले थे, लेकिन नए आदेश के बाद रोज आ रहे बच्चों की संख्या और कम हो गई है। दरअसल बीते सोमवार यानी 22 नवंबर से राज्य सरकार ने शत प्रतिशत क्षमता के साथ स्कूल खोलने के आदेश दिए थे। इसके बाद कई पैरेंट्स स्कूलों में जानकारी लेने पहुंचे भी थे।
स्कूल संचालकों का कहना है कि पैरेंट्स ने बच्चों के लिए आठ दिन में स्कूल की ड्रेस, बुक्स व अन्य सामग्री बाजार से खरीद ली थी, ताकि वे आज से बच्चों को स्कूल भेज सकें। लेकिन मात्र छह दिन में ही आदेश वापस लिए जाने से पैरेंट्स डर गए हैं। सोमवार को रोजाना की अपेक्षा स्कूलों में बच्चों की संख्या मामूली घटी है।
अधिकांश स्कूलों में अभी छह माह की परीक्षाएं चल रही हैं। तो कई स्कूलों में शुरू होने वाली है। इसके चलते स्कूल भी आज से ही शत प्रतिशत क्षमता के साथ कक्षाएं लगाने की तैयारी कर चुके थे।
सरकार की ओर से जारी बोर्ड परीक्षाओं के शेड्यूल के अनुसार 17 फरवरी से 10वीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी। इसके पहले जनवरी में प्री-बोर्ड की परीक्षाएं संभावित हैं। इसके चलते स्कूलों का मानना है कि ये सत्र भी बिना कक्षाओं के ही पूरा होगा।
संभागीय अशासकीय शाला संगठन के अध्यक्ष एसएन शर्मा ने बताया कि सरकार के नए आदेश से कई पैरेंट्स को अपने बच्चों की चिंता होने लगी है। वैसे ही अभी कोरोना की चिता खत्म नहीं होने से कक्षाओं में 20 प्रतिशत बच्चे भी नहीं आ रहे थे। नए आदेश के बाद यह संख्या और भी कम हो गई है।
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