14 जनवरी मकर संक्रांति के बाद सूर्य के उत्तरायण होने से 15 जनवरी से शुभ कार्य शुरू हो जाएंगे। शादी-ब्याह के लिए पहला शुभ मुहूर्त 22 जनवरी को आएगा, लेकिन लगातार बढ़ रहे कोरोना मरीजों के कारण शादी-ब्याह वाले घरों में अगली डेट पर विचार होने लगा है।
5 फरवरी को बसंत पंचमी के दिन बिना मुहूर्त के शादियां होती हैं। इस दिन तय शादियां तो होंगी, लेकिन इसके बाद की डेट को लेकर लोगों में संशय है। वे पंडितों से अगले मुहूर्त भी पता करवा रहे हैं। लोगों को डर है कि लॉकडाउन लग गया या मेहमानों की संख्या और सीमित कर दी गई तो शादी का क्या होगा।
सबसे ज्यादा डर फरवरी में होने वाली शादी वाले घरों में है। इस दौरान कोरोना की थर्ड वेव पीक पर रहने की आशंका जताई जा रही है। जिन घरों में 5 या 6 फरवरी के बाद की शादियां हैं वे अप्रैल या मई में मुहूर्त निकलवा रहे हैं, क्योंकि मार्च माह में मीन संक्रांति की वजह से कोई मुहूर्त नहीं है।
दैनिक भास्कर ने पाठकों की इस समस्या के लिए उज्जैन के पंडित आनंद शंकर व्यास से चर्चा की। उन्होंने जुलाई तक के विवाह योग्य शुभ मुहूर्त निकालकर बताए हैं। उन्होंने कहा कि जो शादियां अभी टल सकती हैं वे 3 मई को आने वाली अक्षय तृतीया के दिन शादी कर सकते हैं।
27 में से 11 नक्षत्र शादी के लिए शुभ
शादी के लिए 27 नक्षत्रों में से 11 नक्षत्रों को शुभ माना जाता है। शेष 16 नक्षत्रों में अन्य शुभ कार्य तो हो सकते हैं, लेकिन शादियां नहीं। ये 11 नक्षत्र हैं- रोहिणी, मृगशीर्ष, मघा, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, स्वाति, अनुराधा, मूल, उत्तराषाढ़ा, उत्तरा भाद्रपद और रेवती। इन नक्षत्रों में शादियां शुभ मानी जाती हैं।
11 में से एक भी नक्षत्र अशुभ तो इन नक्षत्रों में शादियां वर्जित
पं. व्यास ने बताया कि इन 11 नक्षत्रों में से प्रत्येक का दोष देखा जाता है। यदि एक नक्षत्र में भी दोष होता है तो शादी का मुहूर्त नहीं निकलता। सभी 11 नक्षत्र दोष रहित होने पर ही शादी का मुहूर्त माना जाता है। ये दोष हैं :- लत्ता दोष, पात दोष, युति दोष, वेद दोष, यामित्र दोष, पंचक दोष, एकार्गल दोष, उपग्रह दोष, कांति साम्य दोष और दग्धा तिथि दोष।
2 से 10 फरवरी तक भी मुहूर्त
पं. धर्मेंद्र शर्मा ने कहा कि शादी के लिए 2 से 10 फरवरी के बीच गुप्त नवरात्रि में भी विवाह के लिए शुभ मुहूर्त होते हैं। इसी तरह 5 फरवरी को बसंत पंचमी का शुभ मुहूर्त है। यह मुहूर्त 6 फरवरी को भी आधे दिन रहेगा। इसी तरह 8 जुलाई को भी गुप्त नवरात्रि की बडोली नवमी है, यह मुहूर्त भी शादी-ब्याह के लिए श्रेष्ठ माना जाता है।
घटी पल के हिसाब से निकालते हैं मुहूर्त
पं. शर्मा ने बताया कि शादी के लिए सूर्य की घटीपल और नक्षत्र के हिसाब से लगन निकालते हैं। राशि अनुसार सूर्य व गुरु के योग देखते हैं। इसके बाद ही शादी की तारीख तय होती है।
जनवरी से जुलाई के ये हैं श्रेष्ठ मुहूर्त
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