देवास रोड स्थित पार्श्वनाथ सिटी कॉलोनी में नए मकान बनाने के लिए भवन अनुज्ञा जारी करने पर नगर निगम ने रोक लगा दी है। निगम आयुक्त क्षितिज सिंघल ने बुधवार को इस संबंध में आदेश जारी किया। इसके अनुसार पार्श्वनाथ सिटी में रहने वाले परिवारों को उनके मकानों में 250 किलो वॉट के ट्रांसफार्मर से लूज केबल के जरिए अस्थायी व्यावसायिक कनेक्शन दिया है, जिससे बिजली सप्लाय की जा रही है। कम वोल्टेज से केबल बर्स्ट होने से कॉलोनी में आग की घटनाएं बढ़ रही हैं।
कॉलोनी में प्रतिदिन चार नए भवनों का निर्माण शुरू हो रहा है। इससे संबंधित ट्रांसफार्मर केबल पर लोड बढ़ता जा रहा है। इसे देखते हुए अब पार्श्वनाथ सिटी कॉलोनी में नए मकान बनाने के लिए भवन अनुज्ञा जारी नहीं की जाएगी।
पार्श्वनाथ सिटी रहवासी सोसायटी के अध्यक्ष बुधवार को निगमायुक्त से मिले। अध्यक्ष मनीष शर्मा ने बताया निगम पार्श्वनाथ सिटी कॉलोनी को अधिगृहित करने का आदेश जारी करें। स्ट्रीट लाइट के कनेक्शन स्वयं के नेटवर्क से करवाएं। डेवलपर की बंधक रखी जमीन, जो कन्वीनिएंट शापिंग, स्कूल व टाउन हॉल के लिए ईयर मार्क है, उसका लैंड यूज बदलकर उनको आवासीय घोषित करें। आवासीय घोषित करने में सोसायटी को आपत्ति नहीं है।
शाॅपिंग कॉम्प्लेक्स, स्कूल व टाउन हॉल के स्थान पर बिजली कॉलोनी वासियों के लिए जीवन-मरण का प्रश्न है। ऐसे में लैंड यूज बदला जाए। जब तक लैंड यूज नहीं बदला जाता है या जमीन नहीं बिकती है, तब तक निगम एमपीईबी से अस्थायी नेटवर्क तैयार करवाएं। जिससे कॉलोनीवासियों को बिजली कंपनी के मीटर लगकर कनेक्शन मिल सकें।
कार्रवाई करने से बच रहा नगर निगम
रहवासियों का कहना है कि निगम से पूर्व में डेवलपर्स के साथ निगम के जिम्मेदारों पर एफआईआर दर्ज करवाने का आग्रह किया था। इसके बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके अलावा निगम ने कॉलोनी में कोई विकास कार्य भी नहीं करवाया। शाम ढलने पर कॉलोनी में आवागमन जोखिम भरा हो गया है। न नालियां बनाई हैं न पीने के पानी की व्यवस्था की गई है।
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