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आबादी की जमीन में बने मकान को स्थाई करने के एवज में घूस लेते हुए रंगेहाथ पकड़े गए पंचायत सचिव को अदालत ने शनिवार को चार साल जेल की सजा सुनाई। साथ ही, उस पर 20 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है।
लोकायुक्त एसपी शैलेंद्र सिंह चौहान ने बताया, 13 जुलाई 2016 को नलखेड़ा के पंचायत सचिव भंवरलाल मकवाना ने गांव के राजेश नाथ से उसके आबादी के मकान को स्थाई करने के लिए 25 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। राजेश की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी, वह घूस की रकम दे सके। मना करने पर सचिव ने राजेश की मां उषा बाई के नाम कई बार नोटिस दिए। राजेश जब परेशान हो गया, तो उसने लोकायुक्त पुलिस से शिकायत कर दी।
पुलिस ने वॉइस रिकॉर्डिंग के आधार पर सचिव को ट्रैप करने के लिए जाल बिछाया। 13 जुलाई को सचिव भंवरलाल ने राजेश नाथ को रकम लेकर झारड़ा थाने के पास खुले मैदान में बुलाया। राजेश पैसा लेकर पहुंच गया। सचिव भंवरलाल ने जैसे ही उससे रकम हाथ में ली, तो पहले से ही घेराबंदी किए हुए लोकायुक्त पुलिस के अधिकारियों ने उसे रंगेहाथ दबोच लिया।
ट्रैप होते ही सचिव ने नोटों की गड्डी नीचे फेंक दी थी
लोकायुक्त पुलिस ने जैसे ही सचिव को दबोचा, तो बचने के लिए उसने नोटों की गड्डी नीचे फेंक दी थी। पकड़े जाने के बाद सचिव ने कहा था कि राजेश ने उसे फंसाया गया है। जब अधिकारियों ने उसे घूस मांगते हुए वॉइस रिकॉर्डिंग सुनाई, तो चुप हो गया।
दो धाराओं में चार-चार साल की सजा
लोकायुक्त पुलिस ने सचिव भंवरलाल के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और 13 (2) के तहत रिपोर्ट दर्ज की थी। विशेष न्यायाधीश पंकज चतुर्वेदी ने सुनवाई के बाद साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर आरोपी सचिव को दोनों धाराओं में चार-चार साल की सजा सुनाई।
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