उज्जैन। मानसून के दौर में हो रहे नगरीय निकाय चुनाव में वोट मांगने वाले प्रत्याशियों की भी परेशानी बढ़ा दी है। कारण है कि शहर की सड़कों के साथ ही कई कॉलोनियों में तो नाली का गंदा पानी घरों में पहुंच रहा है। मंगलवार को दोपहर में हुई दो घंटे की बारिश ने शहर को तरबतर कर दिया वहीं समस्याएं भी खड़ी कर दी है। टाटा के काम के बाद तो सड़कों की हालत यह है कि बारिश के पहले दौर में ही तालाब बन गई है।
नगरीय निकाय चुनाव के पहले चरण का मतदान बुधवार को सुबह 7 बजे से शुरू होगा। इधर तेज बारिश ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। कारण है कि कई स्थानों पर मतदान केंद्र ऐसी जगह बने है। जहां बारिश के बाद तालाब की स्थिति बन गई है। हालांकि प्रशासन की ओर से कई मतदान केंद्रो पर कीचड़ की समस्या को लेकर भराव करवाने के साथ मुरम डलवाई गई है। इधर तेज बारिश से कई क्षेत्रो में सड़को पर जल जमाव हो गया। जिससे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। रहवासियों ने बताया की नीलगंगा क्षेत्र में दो घण्टे की बारिश में ही हाल बेहाल हो जाते है। अगर बारिश 3 से 4 घण्टे हुई तो घर में भी पानी घुस जाता है। नीचले इलाकों में आज तक निराकरण नहीं हो सका है।
शहर के चौराहे बन जाते है तालाब
बारिश के दिनों में शिप्रा नदी के किनारे बसे शहर के कई इलाके और गांव बाढ़ की चपेट में आ जाते है। जिससे निपटने व आम जन की सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रख जिला प्रशासन ने तैयारी तो कर ली है, लेकिन शहरी क्षेत्र भी कुछ ऐसे ही हालात है,जहां घरों में पानी घुसना आम बात है। इसका स्थायी समाधान आज तक नहीं हो पाया है। शहर के मुख्य चौराहों में तीन बत्ती चौराहा, नई सड़क, तोपखाना, गधा पुलिया, नीलगंगा चौराहा, निकास चौराहा, केडी गेट, बहादुरगंज व अन्य कई जगह पर आज भी बारिश का सड़को जमा हो गया। सड़को पर जमा यह गंदा पानी आस पास के घरो में घुस गया । दो दिन पहले हुई बारिश के दौरान कई मतदान केंद्रों के बाहर पानी जमा हो गया था। जिस पर अब गिट्टी व चुरी का भराव प्रशासन द्वारा करवाया गया है।
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