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उज्जैन में कहासुनी के बाद गैंगवार:चाय की दुकान पर फेसबुक गैंग के सरगना दुर्लभ की हत्या; बदमाश पर फायर करते ही दुर्लभ पर हमला, 34 बार चाकू मारे, साथी छोड़कर भाग निकले

उज्जैन3 वर्ष पहले
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दुर्लभ अंत- अवैध हथियार रखना, जान से मारने की धमकी, बलवा, हत्या का प्रयास, रंगदारी समेत 8 से अधिक गंभीर अपराध दर्ज थे। - Dainik Bhaskar
दुर्लभ अंत- अवैध हथियार रखना, जान से मारने की धमकी, बलवा, हत्या का प्रयास, रंगदारी समेत 8 से अधिक गंभीर अपराध दर्ज थे।
  • बुराई हमेशा अकेली रह जाती है... गुंडों की गैंग लेकर चलने वाले दुर्लभ के साथ भी ऐसा ही हुआ
  • अतुलकर ने कहा था- तूने कम उम्र में दुश्मनी ज्यादा पाल ली, जेल से बाहर आया तो कोई भी मार देगा

फेसबुक पर आपराधिक पोस्ट डालने वाले हिस्ट्रीशीटर दुर्लभ कश्यप 20 साल की रविवार-सोमवार देररात आपसी गैंगवार में चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी। चाय की दुकान पर सामने खड़े युवक से कहासुनी के बाद दुर्लभ ने उस पर कट्टे से गोली दाग दी, जो युवक की गर्दन के पास लगी और वह गिर गया। इसके बाद युवक के साथियों ने दुर्लभ को घेर लिया और टूट पड़े। चाकू के 34 वार किए, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। दुर्लभ के दोस्त इस दौरान उसे छोड़कर भाग गए।

रात 1.45 बजे की यह घटना बताई गई है। अब्दालपुरा निवासी दुर्लभ रात में पांच साथियों के बाइक व स्कूटर से हैलावाड़ी में चाय की दुकान पर पहुंचा था। यहीं पर सामने खड़े शहनवाज से कहासुनी होने पर उस पर गोली चला दी। इसी के बाद शहनवाज के साथियों ने घेरकर दुर्लभ की हत्या कर दी। घटना के बाद सुबह चार बजे जीवाजीगंज थाना पुलिस व सीएसपी एआर नैगी मौके पर जांच करते रहे।

दुर्लभ
दुर्लभ

एफएसएल अधिकारी डॉ. प्रीति गायकवाड़ ने घटनास्थल से तीन चप्पल भी जब्त कराई जो हमलावरों की होने की आशंका है। डीएनए मिलान में चप्पले महत्वपूर्ण सबूत होने के चलते उन्हे जब्ती में लिया। सोमवार सुबह केडीगेट हेलावाड़ी समेत जिला अस्पताल में भी पुलिस बल तैनात रहा। दुर्लभ की मां सरकारी स्कूल में शिक्षिका है। वह बदहवास सी हो गई थी। पुलिस ने घटनास्थल ले जाकर उससे दुर्लभ की शिनाख्त कराई। दुर्लभ के पिता रजनीश कश्यप भोपाल से सुबह अस्पताल पहुंचे। पुलिस ने दोनों ही पक्ष से एक-एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

आंखों देखी- चाय वाला बोला- मेरे सामने दुर्लभ ने गोली मारी, उसके बाद चाकू चले
चाय की दुकान संचालित करने वाले अमन उर्फ भूरा पुलिस का मुख्य चश्मदीद है उसे ही फरियादी बनाया गया। उसकी रिपोर्ट पर दुर्लभ, राजदीप, अमित सोनी, अभिषेक शर्मा समेत एक अन्य के खिलाफ हत्या के प्रयास समेत अन्य धारा में केस दर्ज किया। दुकानदार ने बताया कि दुर्लभ ने कहासुनी के बाद जैसे ही गोली चलाई। शहनवाज घायल होकर सड़क पर बैठ गया। इसके बाद भगदड़ मच गई। इरफान व अमन उस्ताद उसे अस्पताल लेकर भागे। मैं भी घबराकर भाग गया।

...और गुंडे का साथी बोला- शादाब चाकू मार रहा था और चायवाला चिल्लाया- खत्म कर दो
दुर्लभ के साथी अभिषेक शर्मा की रिपोर्ट पर जीवाजीगंज पुलिस ने घायल शहनवाज, शादाब, हिस्ट्रीशीटर रमीज, राजा व भूरा के खिलाफ हत्या की धारा में केस दर्ज किया। अभिषेक ने बताया दुर्लभ के घर दाल-बाटी खाने के बाद रात 1.30 बजे सिगरेट व चाय पीने दुकान पर गए थे। यहां शाहनवाज व शाबाद से किसी बात पर दुर्लभ का झगड़ा हो गया और दुर्लभ को चाकू मारने लगे। अभिषेक ने बताया चायवाला भूरा चिल्लाकर कह रहा था कि शादाब भाई इसे जान से खत्म कर दो, जिंदा मत छोड़ना।

तत्कालीन एसपी ने दुर्लभ से कहा था- जेल में है तब तक जिंदा है, डर से एक साल जमानत नहीं करवाई
दुर्लभ ने फेसबुक पर आपराधिक पोस्ट डालकर लोगों में भय पैदा कर दिया था। काला गमछा, सिर पर लाल टीका व आंखों मेें सूरमा उसके गिरोह की पहचान बन गई। यह गिरोह रात में गाड़ियों के कांच फोड़ने से लेकर लोगों से रंगदारी तक कर रहा था। जिसके बारे में सूचना मिलने के बाद पुलिस ने फेसबुक गैंग को पकड़ा। तत्कालीन एसपी सचिन अतुलकर ने दुर्लभ की गैंग हिस्ट्रीशीट भी बनवाई थी। 27 अक्टूबर 2018 को जब उसे पकड़ा गया तब नाबालिग होने के चलते बाल संप्रेक्षण गृह भिजवाया गया।

आयु परीक्षण के पश्चात किशोर न्याय बोर्ड ने उसे 24 अप्रैल 2019 को इंदौर स्थानांतरित कर दिया। इस बीच दुर्लभ बालिग हुआ तो पुलिस ने दोबारा कार्रवाई की, जिसके बाद वह पुलिस के डर से एक साल से अधिक समय तक भैरवगढ़ जेल में रहा और जमानत नहीं करवा रहा था। जेल में दौरे के समय तत्कालीन एसपी सचिन अतुलकर ने उसे देख कहा था कि तू जेल में ही सुरक्षित है, उम्र से ज्यादा दुश्मनी पाल ली है, बाहर निकलेगा तो कोई भी मार देगा।

लॉकडाउन के पहले दुर्लभ जमानत पर छूटा और इंदौर में रह रहा था। इसके बाद लॉकडाउन खत्म होते ही उज्जैन आ गया और यहां मां के पास रह रहा था। इसी बीच दोस्तों के साथ वापस रात में पार्टी और घूमना शुरू कर दिया था। वह खुद काे डॉन मान बैठा था।

लॉकडाउन के बाद गुंडे बेखौफ, हिस्ट्रीशीटर दुर्लभ भी दो महीने से घूम रहा था, पुलिस नजर नहीं रख पाई
शहर में लॉकडाउन के बाद अपराधी बेखौफ हो गए है। थानास्तर पर पुलिस की बड़ी अनदेखी का उदाहरण दुर्लभ गैंगवार है। हिस्ट्रीशीटर दुर्लभ दो महीने से यहां रह रहा था और रात में पार्टियां कर दोस्तों के साथ घूम रहा था इसके बाद भी पुलिस ने ध्यान नहीं दिया। जब शहर में दुकानें 11 बजे तक बंद करने का समय निर्धारित है तो हेलावाड़ी में स्थित चाय की दुकान डेढ़ बजे के बाद तक कैसे खुली हुई थी और पुलिस अपने क्षेत्र में क्या निगरानी कर रही थी। गैंगवार के कुछ घंटे पहले ही उसके कुछ साथी फ्रीगंज में हारफूल वाली गली में स्थित चाय की दुकान वाले को रंगदारी के लिए चाकू लहराकर धमकाकर गए थे।

माधवनगर पुलिस ने दुकान संचालक की शिकायत के बाद भी रिपोर्ट नहीं लिखी और उसे भगा दिया था। इसके बाद रात में गैंगवार हो गई। जिस तरह से पूरी घटना हुई है उससे यही प्रतीत हो रहा है कि दोनों ही पक्ष पूरी तैयारी से थे। दुर्लभ की हत्या के बाद अस्पताल में भी उसके साथी चक्कर लगाते रहे। शवयात्रा में भी फेसबुक गैंग के कई सदस्य बाइकों पर सवार होकर शामिल हुए। प्रभारी एसपी सविता सोहाने ने बताया कि दोनों ही पक्ष का आपराधिक रिकार्ड है और आपसी रंजिश में घटना हुई है। जल्द ही गुंडाें के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए अभियान चलाएंगे। घायल हमलावर का भी इंदौर में ऑपरेशन हो गया है। हालांकि सोमवार रात 11.30 बजे तक वह बेहोशी की हालत में था।

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