उज्जैन में 20 साल की छात्रा की जान चाइनीज मांझे ने ले ली। लड़की अपनी ममेरी बहन को साथ लेकर स्कूटर से जा रही थी। जीरो पॉइंट ब्रिज पर उसकी गर्दन में मांझा उलझ गया और उसका गला कट गया। गला कटने की वजह से उसकी मौके पर ही की मौत हो गई। पुलिस ने इस घटना में केस दर्ज कर लिया है।
मामा के घर पढ़ने आई थी
मृत छात्रा का नाम नेहा आंजना पुत्री उमेश सिंह है। वह महिदपुर तहसील के नारायणा गांव की रहने वाली है। फिलहाल वो उज्जैन में मामा के घर पढ़ाई करने आई थी। नेहा अपने मामा की बेटी के साथ इंदिरा नगर से फ्रीगंज के लिए निकली थी।
हादसे में नेहा की बहन को भी चोट आई है। बहन का कहना है कि हादसे के बाद नेहा मौके पर ही काफी देर तक तड़पती रही और उसकी गाड़ी समेत घटनास्थल पर भी काफी खून फैल गया, लेकिन वहां से गुजर रहे लोग तमाशबीन बने रहे और किसी ने मदद नहीं की। बाद में वहां से निकल रहे एडवोकेट रविंद्र सिंह सेंगर ने उनकी मदद की। सेंगर ने घायल छात्रा को अपनी कार में बैठाया और पाटीदार अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन पहले ही उसकी मौत हो चुकी थी।
नेहा के परिजनों को सूचना दे दी गई। माधवनगर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। टीआई मनीष लोधा ने बताया कि इस मामले में जांच की जाएगी।
इसलिए खतरनाक है चाइनीज मांझा
चाइनीज मांझे को प्लास्टिक का मांझा भी कहते हैं। चाइनीज मांझा अन्य मांझों की तरह धागे से नहीं बनता। यह नायलॉन और एक मैटेलिक पाउडर को मिलाकर बनाया जाता है। यह प्लास्टिक जैसा लगता है और स्ट्रेचेबल होता है। ऐसे में जब इसे खींचते हैं तो यह टूटने के बजाय बढ़ जाता है। यह मांझा ब्लेड की तरह पैना होता है और इसकी बिक्री पर प्रतिबंध है, लेकिन प्रतिबंध होने के बाद भी इसकी खुलेआम खरीद और बिक्री होती है।
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