छह दिन में चार गार्ड्स की हत्या करने वाला सीरियल किलर उज्जैन के गैंगस्टर दुर्लभ कश्यप को अपना रोल मॉडल मानता है। उसे दुर्लभ कश्यप की तरह फेमस होने की सनक थी, इसी सनक में उसने 4 गार्ड्स की हत्या कर दी। सभी का तरीका एक जैसा- सोते हुए गार्ड्स पर वार करना।
19 साल के शिव गोंड उर्फ हल्कू ने पुलिस पूछताछ में बताया, वह उज्जैन के गैंगस्टर दुलर्भ कश्यप के VIDEO देखा करता था। उस जैसा बनना था। बता दें, सितंबर 2020 के गैंगवार में मारा गया गैंगस्टर दुर्लभ कश्यप कभी सोशल मीडिया पर काफी पापुलर हुआ करता था। दुर्लभ ने अपने फेसबुक प्रोफाइल पर कुख्यात बदमाश और नामी अपराधी लिख रखा था। उसने अपने पेज पर ये भी लिख रखा था- किसी भी तरह के विवाद निपटारे के लिए संपर्क करें। उसकी बदमाशी स्टाइल के खासकर टीनएजर्स फैन हो रहे थे।
पढ़ाई-लिखाई छोड़कर यूथ्स और टीनएजर्स दुर्लभ कश्यप से तेजी से जुड़ रहे थे। उसकी तरह बनना चाहते थे। उसके ढेरों फॉलोअर्स थे। अब आपके मान में सवाल उठ रहा होगा कि आखिर कौन है दुर्लभ कश्यप? तो बता दें, उसकी पहचान थी- माथे पर तिलक, आंखों में सूरमा, कंधे पर काला गमछा...।
आइए, आपको बताते हैं कि 16 साल की उम्र में जुर्म की दुनिया में कदम रखने वाले दुर्लभ ने कैसे बना लिया था इतना बड़ा गैंग...
कौन था गैंगस्टर दुर्लभ कश्यप?
दुर्लभ कश्यप उज्जैन जिले के जीवाजीगंज के अब्दालपुरा में 8 नवंबर 2000 को पैदा हुआ था। मां सरकारी टीचर थी। दुर्लभ अपनी मां के करीब था। इसलिए वह मां के साथ उज्जैन में ही रहता था। पिता इंदौर में रहते थे। उज्जैन में ही रहकर वह पढ़ाई कर रहा था। उसे बिल्लियां बहुत पसंद थी। करीबी बताते हैं, वो बिल्लियां पालने का शौकीन था। 15 साल की उम्र से उसने हथियारों के साथ सोशल मीडिया पर तस्वीरें डालनी शुरू कर दी थीं। लोगों धमकाता था। सोशल मीडिया पर अपनी बदमाशी का प्रचार करता था।
16 की उम्र में बनाया गैंग, FB पर लिखा- विवाद निपटारे के लिए संपर्क करें...
टीनएज में ही उसे अपराध का शौक भी चढ़ गया था। सोशल मीडिया पर उसके स्टाइल से प्रभावित होकर खासकर टीनएजर और यूथ्स उससे जुड़ने लगे। फैन फॉलोइंग हर दिन के साथ बढ़ रही थी। इससे उसे मजबूती मिली और वह शहर में छोटी-मोटी वारदातें करने लगा। दुर्लभ ने अपने फेसबुक प्रोफाइल पर कुख्यात बदमाश और नामी अपराधी लिख रखा था। उसने अपने पेज पर लिखा था- किसी भी तरह के विवाद निपटारे के लिए संपर्क करें।
18 साल की उम्र में जेल, 20 की उम्र में हत्या...
दुर्लभ कश्यप गैंग किसी कॉरपोरेट कंपनी की तरह काम करता था। गैंग का अपना स्टाइल और ड्रेस कोड था। गैंग के सदस्य माथे पर तिलक, आंखों में सूरमा और कंधे पर काला गमछा रखते थे। गैंग के इसी स्टाइल के यूथ्स और टीनएजर फैन हुए जा रहे थे। जब उज्जैन शहर में गैंग की बदमाशी बढ़ने लगी, तो पुलिस ने इन्हें उठाना शुरू किया।
27 अक्टूबर 2018 में दुर्लभ को 23 साथियों के साथ पकड़ा गया था। तब नाबालिग होने पर उसे बाल संप्रेक्षण गृह में रखा गया। किशोर न्याय बोर्ड ने 24 अप्रैल 2019 को उसे इंदौर भेज दिया। वह बालिग हुआ तो पुलिस ने फिर कार्रवाई की। पुलिस के डर से 1 साल से ज्यादा भैरवगढ़ जेल (उज्जैन) में रहा।
तब उज्जैन एसपी सचिन अतुलकर हुआ करते थे। जेल में पूछताछ के दौरान उन्होंने दुर्लभ को देखकर कहा था- तू जेल में ही सेफ है, उम्र से ज्यादा दुश्मनी पाल ली है, बाहर निकलेगा तो कोई मार देगा। 18 साल की उम्र में उसके खिलाफ 9 केस दर्ज हो गए थे। वह जेल से भी गैंग चलाता रहा।
जितना ज्यादा खौफ, उससे ज्यादा खौफनाक अंजाम...
2 साल जेल में बंद रहने के बाद कोरोना काल के दौरान 2020 में उसकी रिहाई हो गई। वह कुछ दिन इंदौर में रहकर मां के पास उज्जैन लौट आया। जेल से बाहर आकर वह फिर एक्टिव हो गया। उसके दुश्मन भी उसे मारने का पूरा प्लान बना चुके थे। 6 सितंबर 2020 की रात 2 बजे चाकुओं से गोदकर उसकी हत्या कर दी गई थी।
वह, दोस्तों के साथ उज्जैन के हैलावाड़ी इलाके में चाय की दुकान पर पहुंचा था। सामने खड़े शहनवाज नाम के युवक से कहासुनी होने पर उसने गोली चला दी थी। गोली युवक की गर्दन के पास से होकर निकली थी। शहनवाज के साथियों ने दुर्लभ को घेरकर चाकू से उसके पेट, पीठ, चेहरे, गर्दन पर ताबड़तोड़ 34 वार किए। दुर्लभ के दोस्त इस दौरान उसे छोड़कर भाग गए थे। पुलिस को उसकी बॉडी खून से लथपथ मिली थी।
देखिए, ड्रोन वीडियो:-
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