प्रशासन ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए टोस फैक्ट्री जमींदोज कर दी। फैक्ट्री में कई अनियमितताएं थीं। शिकायतें मिलने के बाद खाद्य एवं औषधी प्रशासन विभाग की टीम ने 23 सितंबर को यहां छापामार कार्रवाई की थी। टोस का सेंपल लेकर भोपाल स्थित लैब भेजकर फैक्ट्री को सील कर दिया था। यहां सनराइज फन एंड फूड नाम से टोस तैयार किये जा रहे थे।
जहां टोस बन रहे थे वहां थूंकने के निशान थे। टोस में अमानक सैक्रीन मिला रहे थे, खाने में मिलाने वाला प्रतिबंधित कलर भी मौके से जब्त किया गया था। इसके अलावा कई अनियमितताएं वहां थीं।
दरअसल गुंडा अभियान के तहत बदमाशों के अवैध निर्माण तोड़ने के बाद मंगलवार को मिलावटी और अमानक टोस बनाने वाली फैक्ट्री पर नगर निगम का बुलडोजर चला। निगम अमले ने पुलिस की मौजूदगी में नागझिरी औद्योगिक क्षेत्र स्थित टोस की फैक्ट्री को जमींदोज कर दिया। ये फैक्ट्री बिना किसी अनुमति और नक्शे के बना दी गई थी। निगम अमले से औद्योगिक क्षेत्र एसोसिएशन और फैक्ट्री मालिकों की बहस भी हुई। वे कार्रवाई रोकने की मांग कर रहे थे, लेकिन निगम अफसरों ने उन्हें पुराने दस्तावेज दिखाते हुए फैक्ट्री जमींदोज कर दी।
स्टेट लेबोरेटरी से टोस के अमानक होने व मिलावट होने की रिपोर्ट मिलने के बाद प्रशासन ने नगर निगम को अवैध रूप से बनी इस फैक्ट्री को जमींदोज करने के लिए पत्र लिखा था। इसके बाद निगम ने 3 व 6 दिसंबर को फैक्ट्री मालिक को नोटिस भेजकर जवाब मांगा था, लेकि फैक्ट्री मालिक गुलरेज खान और संदीप शर्मा ने न तो जवाब दिया और ना ही वहां से सामान हटाया।
ये अनियमितताएं मिली थीं -
- टोस में मिलाने के लिए घातक सैक्रीन रखा था। इसकी रिपोर्ट में भी पुष्टि हुई थी।
- जहां टोस खुले में रखे थे वहां गुटखा थूंका हुआ था।
- कर्मचारियों ने निर्धारित ड्रेस नहीं पहनी थी,
- किसी का भी स्वास्थ्य परीक्षण नहीं हुआ था।
फैक्ट्री मालिक को बहुत नुकसान हुआ -
फैक्ट्री मालिक के पास नक्शा नहीं है। उसे सजा दे दीजिए, पर फैक्ट्री तोड़ना ठीक नहीं। हमने निगम अफसरों से यही कहा है। फैक्ट्री 6 से 7 महीने पहले ही खुली है। इसे तोड़ने से फैक्ट्री मालिकों को 50 से 60 लाख रुपए का नुकसान हुआ है।
अशोक चौधरी, अध्यक्ष, नागझिरी औद्योगिक संगठन।
यह फैक्ट्री बिना अनुमति खोली गई थी। हमने दो बार नोटिस दिया था। अतिक्रमण हटाने के लिए भी नोटिस दिया था। कि वे खुद हटा लें, लेकिन न फैक्ट्री मालिकों ने कोई नोटिस का जवाब भी नहीं दिया और अतिक्रमण भी नहीं हटाया। इसके चलते उन्हें सूचना देकर हमने आज यह कार्रवाई की।
लीलाधर दोराया, कार्यपालन यंत्री, नगर निगम।
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