नासिक से 25 सदस्यों का दल उज्जैन पहुंचा यहां उन्होंने मंजीरे ,ढोल और डमरू से शिव तांडव की प्रस्तुति दी। जिसे सुनकर मंदिर परिसर में खड़े श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। आस्था और श्रद्धा के साथ शिव तांडव की धुन बजाने वाले सभी लोग महाराष्ट्र से उज्जैन महाकाल मंदिर में प्रस्तुति देने आये थे।
नासिक के कपालेश्वर महादेव मंदिर में नियमित अपने वाद्य यंत्रो से शिव तांडव करने वाले श्रद्धालु महाकाल के बड़े भक्त है। उनकी इसी भक्ति के चलते ही 25 लोगों का दल प्रति वर्ष महाकालेश्वर मंदिर में शिव तांडव की धुन बजाने और भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेने पहुंचता है। दल के प्रमुख प्रथमेश ने बताया की नासिक में रोजाना भगवान के सामने हम शिव तांडव की धुन बजाते है। लेकिन महाकालेश्वर मंदिर का आशीर्वाद लेने हमेशा आना पड़ता है और इसी के चलते आज मंदिर में अपनी प्रस्तुति देकर भगवान महाकाल का आशीर्वाद लिया है। करीब आधे घंटे तक 25 सदस्यों ने शिव तांडव की धुन बजाई। ये सभी सदस्य महाकाल मंदिर आते रहते है। शनिवार को भी सदस्यों ने 2500 रुपए की रसीद कटवाकर दर्शन किये।
सावन की सवारी में आने को इच्छुक
प्रथमेश ने बताया की हमने महाकाल मंदिर समिति से आग्रह किया है की सावन माह में निकलने वाली महाकाल की सवारी में हमें भी स्थान दिया जाए। हम सभी निःशुल्क अपनी प्रस्तुति देने को तैयार है। आज भी सभी ने ढोल मंजीरों और डमरू से मंदिर परिसर के ओमकारेश्वर मंदिर के सामने प्रस्तुति दी है उसी तरह से सावन की सवारी में भी निकलना चाहते है
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