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महिदपुर तहसील के ग्राम पंचायत पाड़लिया के सचिव को गुरुवार को विशेष न्यायाधीश पंकज चतुर्वेदी की अदालत ने दो धाराओं में चार-चार साल की सजा सुनाई। साथ ही दो हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। मार्च 2017 में लोकायुक्त पुलिस ने सचिव धर्मेंद्र जोशी को एक हजार रुपए की घूस लेते हुए रंगेहाथ पकड़ा था। सजा सुनाए जाने के बाद पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर जेल भेज दिया। दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी।
यह है मामला
ग्राम पंचायत पाड़लिया के राजमिस्त्री सूरज सूर्यवंशी ने तत्कालीन लोकायुक्त एसपी से शिकायत की थी कि ग्राम पंचायत सचिव धर्मेंद्र जोशी भवन एवं संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल का परिचय पत्र बनाने के लिए तीन-चार माह से चक्कर लगवा रहे हैं। पहले तो उन्होंने दो हजार रुपए की घूस मांगी लेकिन बाद में एक हजार रुपए पर सहमति बन गई। सूरज ने सचिव को सबक सिखाने के लिए लोकायुक्त पुलिस से शिकायत की। सचिव ने सूरज को घूस की रकम लेने के लिए 27 मार्च को पुराने जनपद भवन में स्थित पीएचई कार्यालय में बुलाया। यहां पर सचिव ने जैसे ही एक हजार रुपए लिए वैसे ही पहले से मौजूद लोकायुक्त इसंपेक्टर कमल निगवाल ने उसे दबोच लिया। उसके पेंट की जेब से फिनाफ्थलीन रसायन लगे नोट बरामद हो गए।
इन धाराओं में किया था केस दर्ज
ट्रैप करने के बाद लोकायुक्त पुलिस ने सचिव के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा-7 और 13 (2) के तहत केस दर्ज किया था। इन दोनों धाराओं में कोर्ट ने सचिव को चार-चार साल की सजा और दो हजार रुपए के अर्थदंड का फैसला सुनाया। दोनों धाराओं में हुई सजा एक साथ चलेगी।
इंसपेक्टर बसंत श्रीवास्तव ने की विवेचना और पेश की चार्जशीट
सचिव धर्मेंद्र जोशी को ट्रैप करने वाले इंसपेक्टर कमल निगवाल का ट्रांसफर हो जाने के बाद मामले की विवेचना इंसपेक्टर बसंत श्रीवास्तव ने की। उन्होंने ही केस की चार्ज शीट कोर्ट में पेश की।
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