उत्तर प्रदेश के 5 लाख के इनामी गैंगस्टर विकास दुबे की उज्जैन में गिरफ्तारी को लेकर अब सवाल खड़े हो रहे हैं। कारण, गिरफ्तारी से एक दिन पहले यानी बुधवार को महाकाल थाना प्रभारी समेत 8 पुलिसकर्मियों के तबादले हुए थे। इसके बाद गुरुवार को उज्जैन में नाटकीय अंदाज में विकास दुबे को पकड़ा गया। इस पूरे मामले को लेकर कांग्रेस मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा पर सवाल पर खड़े कर रही है। पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा है- जिन्होंने अपने भ्रष्टाचार और घोटालों से उज्जैन महाकाल की नगरी को भी नहीं छोड़ा, वे क्या सोचते हैं कि भगवान महाकाल उनको माफ कर देंगे।
कांग्रेस ने ट्वीट किया कि सूत्रों के मुताबिक कल रात ही उज्जैन कलेक्टर और एसपी महाकाल मंदिर गए, बंद कमरे में बैठक हुई...पता नहीं पटकथा लीक कैसे हो गई। बाक़ी स्क्रिप्ट के अनुसार सीएम-एचएम के बयान आ ही रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने विकास की गिरफ्तारी पर कहा- शिवराज जी आप बिना किसी कारण श्रेय ले रहे, इसका श्रेय तो आपके गृह मंत्रीजी को देना चाहिए। उन्होंने इस मामले में सीबीआई जांच की भी मांग की है। पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने कहा - मॉर्निंग वॉक करके नहाने के बाद मंदिर में दर्शन करने के बाद बंदे ने आराम से गिरफ्तारी दे दी। कमलनाथ जी के राज में अपराधी गुजरात भाग जाते थे, मामा के राज में वीवीआईपी पास लेकर दर्शन करने बाद... संदेह बड़ा है!
बुधवार को ही हुआ था महाकाल थाना प्रभारी का तबादला
बुधवार को जारी तबादला सूची में अरविंद सिंह तोमर को महाकाल थाना प्रभारी बनाया गया है। 9 महीने बाद उन्हें दोबारा थाने की जिम्मेदारी सौपी गई। जबकि जीवाजीगंज टीआई संजय मंडलोई को तराना, रवींद्र बारिया को पुलिस लाइन से खाचरौद थाना प्रभारी, उपनिरीक्षक कैलाश शुक्ला को पुलिस लाइन से पानबिहार चौकी का चार्ज दिया। इसी तरह उपनिरीक्षक राजेश यादव को महाकाल मंदिर चौकी प्रभारी बनाया गया। वह भी लाइन में पदस्थ थे।
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