दो पूर्व सभापति (सोनू गेहलोत व आजाद यादव) व पूर्व नेता प्रतिपक्ष (राजेंद्र वशिष्ठ) सहित 24 पुरुषों को यदि अब पुन: चुनाव लड़ना है तो इन्हें नए वार्ड तलाशने होंगे। क्योंकि इनके 24 सहित शहर के कुल 27 वार्ड अब महिलाओं के लिए आरक्षित हो गए हैं। बुधवार को नगर निगम के वार्डों के लिए हुई आरक्षण की प्रक्रिया में कुछ ऐसे ही समीकरण बने हैं।
निगम में पिछले बोर्ड में 54 में से 29 महिला और 25 वार्ड में पुरुष पार्षदों का प्रतिनिधित्व रहा है। अब होने जा रहे चुनाव के लिए बृहस्पति भवन में हुई आरक्षण की प्रक्रिया में 54 में से 27 वार्ड यानी 50 फीसदी वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित हुए हैं। इनमें से 24 ऐसे वार्ड हैं जहां पिछले बोर्ड में पुरुष पार्षद रहे हैं।
ऐसे में यदि इन्हें पुन: चुनाव लड़ना है तो इन्हें नए क्षेत्र तलाशने होंगे या फिर इनमें से कुछ के सामने विकल्प परिवार की महिला सदस्य को चुनावी मैदान में उतारने का भी रहेगा। यदि ऐसा होता है तो यह संकेत इस बात के हैं कि इन वार्डों में पार्षद प्रतिनिधि के रूप में पार्षद पति, बेटे व ससुर कामकाज संभाल सकते हैं।
आरक्षण की प्रक्रिया एसडीएम जगदीश मेहरा व सहायक आयुक्त सुबोध जैन ने पूरी करवाई। इस दौरान भाजपा-कांग्रेस के साथ ही अन्य दलों के प्रतिनिधि भी शामिल रहे। हालांकि देर रात तक प्रशासन की तरफ से आरक्षण की अधिकृत सूची जारी नहीं की गई।
यह हैं 54 वार्डों के आरक्षण की संभावित स्थिति, किन दिग्गजों को तलाशने होंगे नए क्षेत्र
अजा (महिला, 6 वार्ड):- 1,17,40,43,53 व 54
इनमें से वार्ड 1 से संजय कोरट, 17 से मांगीलाल कड़ेल, 40 से आत्माराम मालवीय, 43 से राजकमल ललावत, 53 से सुनील बौरासी और 54 से हिम्मत सिंह देवड़ा पार्षद रहे हैं। कड़ेल एमआईसी सदस्य व ललावत जोन 5 के अध्यक्ष भी रहे हैं।)
अजा (मुक्त, 5 वार्ड):- 8, 37, 39, 41 व 45 अजजा (मुक्त, 1 वार्ड):- 33 अन्य पिछड़ा वर्ग (महिला, 8 वार्ड) : 4, 11, 14, 15, 26, 27, 42 व 49 इनमें से वार्ड 4 से राजेश सेठी, 11 से अमजद खान, 14 से मो. सलीम कबाड़ी, 26 से सत्यनारायण चौहान, 27 रहीम सुल्तान शाह, 42 से राधेश्याम वर्मा और 49 से संतोष व्यास पार्षद रहे हैं। इनमें से चौहान व वर्मा एमआईसी सदस्य भी रहे हैं)
अन्य पिछड़ा वर्ग (मुक्त, 7 वार्ड):- 2, 3, 16, 18, 24, 28 व 46 अनारक्षित (महिला, 13 वार्ड) : 19, 22, 25, 30, 31, 32, 36, 44, 47, 48, 50, 51 व 52 (इनमें से वार्ड 19 से आजाद यादव, 22 से सोनू गेहलोत, 30 से मो. फारुख हुसैन, 31 से जफर अहमद, 32 से मुजफ्फर हुसैन, 44 से बुद्धि प्रकाश सोनी, 47 से विजय दरबार, 48 से संतोष यादव, 50 से विकास मालवीय, 51 से बीनू कुशवाह और 52 से राजेंद्र वशिष्ठ पार्षद रहे हैं। इनमें से गेहलोत सभापति व वशिष्ठ नेता प्रतिपक्ष रहे हैं।) अनारक्षित (मुक्त, 14 वार्ड) : 5, 6, 7, 9, 10, 12, 13, 20, 21, 23, 29, 34, 35 व 38
(आरक्षण की यह जानकारी प्रशासनिक स्तर पर अधिकृत नहीं है। क्योंकि देर रात तक प्रशासन ने आरक्षण की स्थिति स्पष्ट नहीं की थी।)
पूर्व पार्षदों ने ली थी आपत्ति: बोले- आप गलत प्रक्रिया करवा रहे हैं
आरक्षण की प्रक्रिया के दौरान जब सहायक आयुक्त सुबोध जैन गोटियां डालने की जानकारी दे रहे तो पूर्व पार्षद व कांग्रेस नेता रवि राय ने आपत्ति ली। कहा कि आप गलत आरक्षण कर रहे हैं, गलत जानकारी दे रहे हैं। इस बीच पूर्व पार्षद जितेंद्र तिलकर ने भी आपत्ति ली। कहा कि आप चक्रानुक्रम को समझ ही नहीं पा रहे हैं।
भाजपा नेता जगदीश पांचाल और पूर्व पार्षद माया राजेश त्रिवेदी ने भी आपत्ति जताई। इससे सदन में कुछ देर के लिए गहमागहमी की स्थिति बनी। यह देख एसडीएम जगदीश मेहरा ने कहा कि आप लोगों की बात सुनी जा रही है, आरक्षण की प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी नहीं होगी। तब राय ने कहा कि यदि इन्हें जानकारी नहीं है तो यह निर्देशों का अध्ययन करें, उसके बाद प्रक्रिया पूरी करवाएं।
इसके बाद जैन ने साथी अधिकारियों के साथ मिलकर पूरी प्रक्रिया समझी, इसके बाद आगे की प्रक्रिया पूरी करवाई। उज्जैन नगर निगम के वार्डों के आरक्षण की प्रक्रिया पूरी होने जा रही तभी राय सहित अन्य लोगों ने मांग की थी कि उन्हें आरक्षण की स्थिति स्पष्ट करने वाली अधिकृत सूची मुहैया करवा दी जाए।
इस पर एसडीएम मेहरा ने भरोसा दिलाया कि प्रक्रिया पूरी होते ही हाथोंहाथ आरक्षण के सूची वाली शीट दे दी जाएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। रात करीब एक बजे तक प्रशासन की तरफ से आरक्षण की स्थिति स्पष्ट करने वाला अधिकृत चार्ट जारी नहीं किया गया। आरक्षण को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है।
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