10 दिन में चार तेंदुओं की मौत:बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघों से लगातार हो रहा संघर्ष

उमरिया6 महीने पहले
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बाघों के लिए प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में तेंदुओं की मौत का सिलसिला लगातार जारी है। रिजर्व प्रबंधन के अनुसार, पिछले 10 दिनों में 4 तेंदुओं की मौत हो चुकी है। गुरुवार को भी एक तेंदुए की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई। एक के बाद एक तेंदुओं की मौत से प्रबंधन हैरान है।

अधिकारियों ने बताया कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पनपथा बफर परिक्षेत्र में संदिग्ध परिस्थिति में तेंदुए का शव मिला। इस नर तेंदुए की उम्र लगभग 7-8 माह है। उसका शव करौंदिया बीट के कक्ष क्रमांक PF 609 के नाले के पास मिला है। जानकारी लगते ही बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के अधिकारी कर्मचारी मौके पर पहुंचे और जांच में जुट गए।

20 नवंबर को घायल मिले थे दो शावक
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पनपथा कोर और बफर दोनों परिक्षेत्र में 10 दिन में चार तेंदुओं की मौत हो चुकी है। 20 नवंबर को तेंदुए के दो शावक घायल मिले थे, जिनकी इलाज के दौरान मौत हो गई। पनपथा कोर में 25 नवंबर को एक मादा तेंदुए की मौत हुई थी। बुधवार को चौथे तेंदुए की पनपथा बफर में मौत हो गई।

करौंदिया बीट के कक्ष के नाले के पास तेंदुए का शव मिला।
करौंदिया बीट के कक्ष के नाले के पास तेंदुए का शव मिला।

बाघ से संघर्ष में मौत
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में तेंदुए की मौत का कारण बाघ से संघर्ष बताया जा रहा है। नर और मादा तेंदुआ की मौत की वजह भी बाघ से संघर्ष बताया गया है। प्रबंधन लगातार जांच में जुटा हुआ है। अधिकारी क्षेत्र में गश्त कर रहे हैं। 2018 में बाघ और तेंदुओं की गणना की गई थी। अब इनकी गणना 2023 में होगी। वन विभाग के अफसरों का अनुमान है कि अब टाइगर की संख्या करीब 150 हो सकती है। रिजर्व क्षेत्र में करीब 130 तेंदुए हो सकते हैं।

तेंदुओं के क्षेत्र में बढ़ा बाघों का दखल
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक ने बताया कि बाघ के क्षेत्र में तेंदुआ नहीं मिलते हैं। ना उनकी कोई मूवमेंट होती है। पनपथा क्षेत्र में तेंदुओं की अधिक मूवमेंट रहती थी। उस क्षेत्र में बाघ और बाघिन का मूवमेंट बढ़ा है, इसलिए इनके बीच संघर्ष भी बढ़ गया है। जिसमें तेंदुओं की मौत हो रही है। उन्होंने कहा कि अधिकारी और कर्मचारियों को गश्त बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।

पहला मामला- झिरिया नाला के पास मिले शावक

संदिग्ध परिस्थिति तेंदुओं के दो शावक मिले थे।
संदिग्ध परिस्थिति तेंदुओं के दो शावक मिले थे।

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पनपथा बफर के बटुराबाह बीट के पीएफ 634 में झिरिया नाला के पास संदिग्ध परिस्थिति तेंदुआ के दो शावक मिले थे। एक की मौत मौके पर ही हो गई थी। जबकि दूसरे शावक की मौत रेस्क्यू के बाद हो गई।

दूसरा मामला- 25 को मादा तेंदुए की मौत

25 नवंबर को मादा तेंदुआ मृत पाई गई थी।
25 नवंबर को मादा तेंदुआ मृत पाई गई थी।

25 नवंबर को मादा तेंदुआ की मृत पाई गई थी। उसकी उम्र करीब 6 साल बताई गई थी। उसका संघर्ष भी बाघ के साथ हुआ था। मादा तेंदुआ इस संघर्ष में बुरी तरह घायल हो गई थी। उसकी रीढ़ की हड्डी में चोट लगी थी। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की सहायक संचालक एफएस निमाना ने बताया कि आपसी संघर्ष में मादा तेंदुआ घायल हो गई थी, उसमें उसकी मौत हो गई।

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