विदिशा-भोपाल हाइवे पर रेंगते वाहनों का ये नजारा पिछले 5 दिनों से है, जब से शादियां शुरू हुई है। मेहमानों के वाहन सड़कों पर खड़े होने से आने-जाने वालों को जाम से रोज जूझना पड़ता है। अगर इसी बीच एक के पीछे एक बारात लग जाए तो समझ लीजिए आधे से एक घंटे तक वाहन रेंगते ही रहेंगे।
दरअसल, शहर में मैरिज गार्डन तो बनते रहे लेकिन एनजीटी के नियम के तहत पार्किंग के लिए 35 फीसदी जगह न छोड़े जाने से ट्रैफिक व्यवस्था गड़बड़ा रही है। सिर्फ एनएच पर ही आधा दर्जन से अधिक मैरिज गार्डन हैं। साल भर में औसत 60 दिन शादियों के मुहूर्त होते हैं। प्रशासन द्वारा पूर्व में गार्डन संचालकों को नोटिस जारी किए जा चुके हैं। हर बार सिर्फ नोटिस तक ही प्रशासन की कार्रवाई रही।
30 मैरिज हाॅल और 20 धर्मशालाएं
नगर पालिका की सूची के तहत कुल 30 मैरिज हाल एवं गार्डन संचालित हैं। इनमें से ज्यादातर पिछले 10 साल के दरम्यान में ही खुले हैं। मौजूदा कई गार्डन तो तंग गलियों के अंदर खुले हुए हैं। मैरिज हॉल के अलावा शहर में 20 धर्मशालाएं भी संचालित हैं। कई धर्मशालाएं भी पार्किंग व अन्य मापदंडों के अनुरूप नहीं हैं।
अफसरों का आज भी सिर्फ एक ही जवाब- कार्रवाई करेंगे
"शहर में जिन मैरिज गार्डन व हॉल में मापदंडों का पालन हुआ है या नहीं इसका परीक्षण कराएंगे। जो भी मैरिज गार्डन मापदंडों के अनुरूप नहीं होंगे, उन्हें बंद करने सहित कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।"
-सीपी राय, सीएमओ, नपा, विदिशा।
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