ग्राम अटारी खेजड़ा में पिछले एक सप्ताह से चल रही श्रीमद्भागवत कथा का शनिवार को समापन हुआ। इस अवसर पर बागेश्वर धाम सरकार ने भी कथा आयोजन में शामिल होकर श्रद्धालुओं के लिए अपने आशीष वचन प्रदान किए। करीब आधे घंटे तक कथा में बागेश्वर धाम सरकार ने भजन भी गुनगुनाया। सातवें दिन की कथा में श्रीकृष्ण-सुदामा मिलन के प्रसंग के साथ कथा का समापन हुआ।
इस अवसर पर द्वारिकाधीश और श्रीकृष्ण के मिलन की एक झांकी भी सजाई गई। जिसे देखने के लिए श्रद्धालुओं में होड़ सी लगी रही। कथावाचक पंडित अंकित कृष्ण तेनगुरिया ने भक्ति मार्ग से जुड़ने और सत्कर्म करने की अपील करते हुए श्रोताओं से कहा कि हवन-यज्ञ से वातावरण एवं वायु मंडल शुद्ध होने के साथ-साथ व्यक्ति को आत्मिक बल मिलता है।
व्यक्ति में धार्मिक आस्था जागृत होती है इसलिए समाज में इस तरह के आयोजन होते रहना चाहिए। यज्ञ से देवता प्रसन्न होकर मनवांछित फल प्रदान करते हैं। साथ ही इस अवसर पर सभी आचार्यों और विप्रजनों के साथ ही कथा यजमानों ने पूर्णाहुति दी।
भगवान की कथा मन बुद्धि व चित्त को कर देती है निर्मल
महाराज बटुक ने बताया कि भागवत कथा के श्रवण से व्यक्ति भव सागर से पार हो जाता है और श्रीमद भागवत से जीव में भक्ति, ज्ञान एवं वैराग्य के भाव उत्पन्न होते हैं। इसके श्रवण मात्र से व्यक्ति के पाप पुण्य में बदल जाते हैं।
भगवान की कथा मन बुद्धि व चित को निर्मल कर देता है। उन्होंने कहा कि मनुष्य शरीर भी भगवान का दिया हुआ सर्वश्रेष्ठ प्रसाद है। कथा आयोजन में शामिल होने वाले सभी श्रद्धालु आयोजन समिति का बटुक महाराज ने आभार जताया। पंडित अंकित कृष्ण महाराज बटुक की आगामी कथा ग्राम खामखेड़ा लश्करपुर में 15 से 21 मई तक आयोजित होगी।
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