बी.पी.एड. संघ के बैनर तले बीपीएड और एमपीएड डिग्रीधारी खेल प्रशिक्षकों ने अपनी मांगो को लेकर प्रदेश स्तरीय आंदोलन की शुरुआत की। जिसके अंतर्गत विदिशा से भोपाल तक पदयात्रा निकालने का संकल्प लिया था। इसी के चलते अलग-अलग जिलों से आए बेरोजगारों ने शनिवार को नीमताल से पदयात्रा की शुरूआत की गई। जिसका भोपाल में समापन होगा।
पदयात्रा में शामिल बेरोजगारों का कहना था कि शिक्षा विभाग इन दिनों शासकीय स्कूलों के शिक्षकों को खेल प्रशिक्षक के रूप में तैयार कर रहा है। पिछले 14 वर्षों से स्कूल शिक्षा विभाग में खेल प्रशिक्षक की भर्ती नहीं निकाली गई है। जिससे हम बीपीएड और एमपीएड डिग्रीधारी खेल प्रशिक्षक बेरोजगार है। वहीं शिक्षा विभाग स्कूलों में शिक्षकों से लेकर चपरासियों को 5 दिन का प्रशिक्षण देकर खेल टीचर बना रहे है। जिसका हम विरोध करते है।
गौरी विश्वकर्मा ने बताया कि 2008 के बाद भर्ती प्रक्रिया आयोजित नहीं की गई। विभाग में स्वीकृत पद तो है लेकिन इन पदों पर भर्ती नहीं की जा रही, ब्लकि शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को 5 दिन में 14 खेलों का प्रशिक्षण देकर प्रभारी खेल प्रशिक्षक बनाया जा रहा है। राष्ट्रीय एवं अन्र्तराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी को भी खेल शिक्षक बनने के लिए बीपीएड करना अनिवार्य है। एक खेल शिक्षक बनने के लिए सालों की मेहनत, लगन, अनुभव और समर्पण की आवश्यकता होती है। विद्यालयों में नियमित खेल शिक्षकों की भर्ती न कर कार्यरत शिक्षकों को 5 दिवसीय प्रशिक्षण देकर खेल शिक्षक का प्रभार सौंपने की तैयारी कर रही है। वहीं हजारों खेल प्रशिक्षक बेरोजगार घूम रहे है।
पंकज भार्गव ने बताया कि शिक्षकों को 5 दिन का प्रशिक्षण देकर खेल टीचर बनाने की प्रक्रिया बंद की जाए। खेल शिक्षकों की भर्ती की जाए। अगर प्रदेश सरकार हमारी मांगे नहीं मनेगी तो हम उग्र आंदोलन करेगें।
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