परिवारों के विघटन के दौर में सिरोंज में 80 वर्षीय नारायणीदेवी यादव का परिवार मिसाल बना गया है। उनके 6 बेटों का 34 सदस्यीय परिवार शहर के पंचकुइया इलाके में एक साथ रह रहा है। इस परिवार की चार पीढ़ियां एक साथ रहती हैं।
सबसे बड़ी सदस्य 80 साल की खुद नारायणीदेवी हैं तो सबसे छोटी बेटी डेढ़ वर्षीय गौरांशी है। आर्थिक उपार्जन के लिए परिवार के सभी बेटे अपने-अपने काम में जुटे रहते हैं लेकिन परिवार का भोजन आज भी घर के कच्चे हिस्से में बने 3 चूल्हों पर एक साथ ही बनता है। परिवार की 9 बहुएं हर दिन सुबह और शाम दोनों समय करीब 10-10 किलो आटे की रोटियां और विभिन्न तरह की सब्जियां इन चूल्हों पर ही बनाती हैं।
बेटा रिटायर्ड सैनिक, एक बहू नगर पालिका अध्यक्ष रह चुकी
यादव परिवार के सबसे बड़े बेटे बाबूलाल यादव हैं। वे पशु चिकित्सा विभाग में कार्यरत हैं। उनसे छोटे भाई छोटेलाल यादव घर पर ही आटा चक्की चलाते हैं। तीसरे बेटे कल्लू यादव किसान और पशुपालक हैं। चौथे बेटे कैलाश यादव भारतीय सेना से रिटायर्ड होकर आए हैं।
पांचवें बेटे रमेश यादव भाजपा नेता और कॉलोनाइजर हैं तो सबसे छोटे बेटे राजकुमार यादव शासकीय शिक्षक हैं। परिवार की उनकी एक बहू उर्मिला रमेश यादव सिरोंज नगर पालिका अध्यक्ष भी रह चुकी हैं तो दो बहुएं शासकीय शिक्षिका भी हैं। बाबूलाल यादव के बड़े बेटे तरुण यादव आरएसएस के पूर्णकालिक कार्यकर्ता के रूप में सेवा दे रहे हैं।
संस्कार से ही एकजुट है परिवार
भाजपा नेता रमेश यादव ने बताया कि हमारे पिता स्वर्गीय मुन्नीलाल यादव और मां नारायणी देवी के संस्कार ही हैं कि हम भाइयों ने कभी अलग होने का विचार ही नहीं किया।
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