छठ पूजा का धूम-धाम से आयोजन किया जा रहा है। दिल्ली में शनिवार शाम 1100 कृत्रिम तालाबों में छठ पूजा करने वाले लाखों श्रद्धालु डूबते हुए भगवान सूरज को अर्घ्य देकर अपने मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए प्रार्थना करेंगे।
छठ घाटों पर आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए इस बार दिल्ली सरकार ने छठ घाटों वाटरप्रूफ पांडालों में कनाते, कालीन, कुर्सिया, एलईडी, और बाहर भी कालीनों की ब्यबस्था की है। इसके साथ ही महिलाओं के लिए रेस्ट कम चेजिंग रूम की भी व्यवस्था की है।
कई टैंट मालिकों ने अपना नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि इस बार पहले के अपेक्षा बेहतर काम हो रहा है। पहले के मुकाबले बेहतर क्वालीटी की समान इस्तेमाल की जा रही है। पांडाल और पांडाल के बाहर भी श्रद्धालुओं के लिए कारर्पेट लगाई जा रही है।
पर तहसीलदार, पटवारी से लेकर एसडीएम तक पांडाल के बाहर के कारर्पेट को कांउट नहीं कर रही है जिसके पेमेंट नहीं होगी, इधर विधायक और छठ पुजा समिति का कहना है कि सीएम केजरीवाल ने इस बार 25 करोड़ रुपए छठ पुजा पर आबंटिट किया तो तुम सड़क से पांडाल तक कारर्पेट लगाओ
असली यमुना के होते हुए नकली घाटों पर पूजा करवा रही सरकार : बख्शी
प्रदेश भाजपा के नेता नीलकांत बख्शी ने कहा कि हर साल यमुना को साफ करने के सगूफा छोड़ने वाले सीएम अरविंद केजरीवाल के नाकामयाबी के कारण लाखों छठ पूजा करने वाले श्रद्धालु असली यमुना (मैया) नदी में छठ मनाने के जगह 1100 जगहों पर कृत्रिम छठ पूजा मनाने काे बाध्य हो रहे है।
बख्शी ने बताया कि काेरोना से पहले पल्ला से लेकर ओखला ब्रिज तक दोनों तरफ घाटों पर बड़े पैमाने पर कार्यक्रम होते थे। पर केजरीवाल के सत्ता में आने के बाद दिल्ली के साथ यमुना भी प्रदूषित होती चली गई। आज यमुना में जानलेवा झाग है जिसके जिम्मेदार केजरीवाल है।
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