गुरु नानकदेव का प्रकाश पर्व मनाने के लिए बुधवार को सिख श्रद्धालुओं का पहला जत्था बुधवार को पाकिस्तान गया। अटारी बॉर्डर के रास्ते यह जत्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) की अगुवाई में गया। कोरोना महामारी का संक्रमण शुरू होने के बाद बीते डेढ़ साल में धार्मिक यात्रा पर पाकिस्तान जाने वाला यह पहला जत्था है।
बुधवार सुबह अमृतसर स्थित SGPC दफ्तर में इस जत्थे के श्रद्धालुओं को उनके पासपोर्ट दिए गए। यह जत्था 26 नवंबर तक पाकिस्तान स्थित गुरुघरों के दर्शन करेगा और 27 नवंबर को वापस लौटेगा।
SGPC की तरफ से गुरु नानकदेव के प्रकाश पर्व पर पाकिस्तान जाने के लिए 1046 लोगों के पासपोर्ट पाकिस्तानी एबेंसी भेजे गए थे। पाक सरकार ने इनमें से 855 लोगों को वीजा जारी कर दिया जबकि 191 लोगों के आवेदन रिजेक्ट कर दिए गए। जत्थे में शामिल श्रद्धालुओं ने बुधवार सुबह अमृतसर के गोल्डन टैंपल में माथा टेका और फिर SGPC ने उन्हें बसों के जरिये अटारी बाॅर्डर पहुंचाया। इस दौरान संगत ने SGPC का प्रबंधों के लिए धन्यवाद किया।
करतारपुर कॉरिडोर खुलने से उत्साह दोगुना
SGPC के जत्थे में शामिल 855 श्रद्धालुओं में से आधे से अधिक पहली बार गुरुघरों के दर्शन के लिए पाकिस्तान गए हैं। पाकिस्तान में तकरीबन 179 गुरुद्वारे हैं। उधर करतारपुर कॉरिडोर खुलने की खबर से इन श्रद्धालुओं का उत्साह दोगुना नजर आया। उनका कहना था कि अब वह कभी भी करतारपुर साहिब के दर्शन के लिए जा सकेंगे।
कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट निगेटिव होने पर ही एंट्री
पाकिस्तानी सरकार की ओर से जारी गाइडलाइंस के अनुसार, सिर्फ उन्हीं भारतीयों को पाकिस्तान में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी, जिनके पास 72 घंटे पुरानी कोरोना टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट होगी। SGPC प्रवक्ता ने बताया कि जत्थे में शामिल सभी लोगों के टेस्ट करवाए गए हैं। इसकी रिपोर्ट पहले ही अटारी बॉर्डर पर जरूरी कागजी औपचारिकताओं के लिए भेजी जा चुकी है। इन सभी लोगों को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज भी लग चुकी हैं।
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