साउथ अफ्रीका के अलावा विश्व के 11 देशों में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन ने अपना असर दिखा दिया है। पंजाब व पड़ोसी राज्यों में कोरोना की तीसरी लहर दस्तक दे चुकी है। ऐसे में पहली बार है, जब दूसरी डोज लगवाने वालों का आंकड़ा पहले डोज की तुलना में अधिक हो गया है। इसे कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट का भय कहें या लोगों की सतर्कता, लेकिन यह संकेत अच्छे हैं।
सेहत विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार पूरे नवंबर महीने में 2,56,214 लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाई गई। पहली बार है कि दूसरी डोज लगवाने वालों की गिनती पहली डोल लगवाने वालों के मुकाबले अधिक है। नवंबर महीने में 1,51,788 लोगों ने कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाई है, पहली डोज लगवाने वाले सिर्फ 1,04,426 लोग ही हैं। वहीं अगर अक्टूबर महीने के आंकड़ों पर नजर डालें तो पूरे महीने में 2,18,414 लोगों को वैक्सीन लगाई थी। इनमें पहली डोज लगवाने वाले 1,31,163 लोग थे और दूसरी डोज लगवाने वाले मात्र 87,251 लोग थे। दूसरी डोज लगवाने पहुंचे लोगों का आंकड़ा बढ़ने के बाद सेहत विभाग ने भी राहत की सांस ली है।
ढाई लाख लोग अभी भी दूसरी डोज से मरहूम
हैरानी है कि विश्व सेहत संगठन (WHO) के बार-बार चेताने पर भी लोग वैक्सीनेशन न करवाने के बहाने ढूंढ रहे हैं। अभी भी 2,55,179 लोग ऐसे हैं, जो अपनी दूसरी डोज लगवाने नहीं पहुंचे हैं। लेकिन नवंबर महीने में दूसरी डोज लगवाने वालों का आंकड़ा बढ़ना एक अच्छा संकेत माना जा रहा है।
घर-घर जाने की तैयारी में सेहत विभाग
सेहत विभाग पहली डोज के 100 प्रतिशत लक्ष्य को पाने के लिए 1.30 लाख डोज के अंतर पर है। वहीं दूसरी डोज लगवाने वालों की गिनती में कुछ सुधार हुआ है और 40 प्रतिशत लोग दूसरी डोज लगवा चुके हैं। ऐसे में अब सेहत विभाग घर-घर जाने की तैयारी में है। इसके लिए सेहत विभाग प्राइवेट नर्सिंग कॉलेजों की मदद लेने की तैयारी में भी है।
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