दिवाली के त्योहार पर मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की पटाखे जलाने को लेकर आम जनता को परेशान ना करने की हिदायत थी। इसके बावजूद रात 1 बजे तक शहर में पटाखों का शोर सुनाई देता रहा। रात 8 बजे के बाद अमृतसर में हर ओर की जा रही आतिशबाजी के कारण पूरे शहर को धुएं की चादर ने घेर लिया। रात 9 बजे ही प्रदूषण का स्तर लाल रेखा से ऊपर पहुंच चुका था।
अमृतसर का AQI रात 7 बजे 76 पर था। 8 बजे यह ऊपर चढ़ना शुरु हुआ और AQI 129 पहुंच गया। जैसे-जैसे शहर में आतिशबाजी का शोर बढ़ा वायु गुणवत्ता भी खराब होती गई। रात 9 बजे AQI 387 दर्ज किया गया। यह स्तर बीमार व्यक्तियों के लिए घातक है। यह स्तर अस्थमा व सांस की बीमारी वाले मरीजों की जान ले सकता है। रात 11 बजे प्रदूषण का स्तर 400 पहुंच गया। इस स्तर पर शारीरिक रूप से मजबूत रहने वाला व्यक्ति भी बीमार पढ़ सकता है।
4 घंटों तक 500 के पार रहा AQI
रात 12 बजे से रात 3 बजे तक अमृतसर का AQI 500 था। यह स्तर हवा में प्रदूषण को मापने वाली मशीन का अधिकतम होता है। यानी कि शहर में इतना अधिक प्रदूषण हाे चुका था कि मशीन भी उसे मापने में असमर्थ थी। इतना ही नहीं शुक्रवार सुबह प्रदूषण का स्तर सुबह 7 बजे भी 400 के पार था। सुबह 7 बजे AQI 407 दर्ज किया गया है।
शुक्रवार रात 8 बजे के बाद दर्ज AQI
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