पंजाब के अमृतसर में नशे ने एक मां से उसका बेटा छीन लिया, लेकिन उसका तीसरा बेटा काल का ग्रास बना है। यही नहीं, वह मां इतनी अभागन है कि उसके पास अपने जिगर के टुकड़े का अंतिम संस्कार करने के लिए पैसे नहीं है। मां बीते दिन से बेटे की लाश घर में रखे बैठी है। उसकी लाचारी देखकर अब गांव के लोगों ने पैसे इकट्ठे किए, ताकि युवक की लाश का संस्कार किया जा सके।
घटना अमृतसर के गांव चाटीविंड की है। घरों में काम करके परिवार पालने वाली विधवा राजबीर कौर से नशे ने उसका जवान बेटा छीन लिया। मृतक के दो बेटे हैं और पत्नी गर्भवती भी है, लेकिन तीसरे बच्चे के होने से पहले ही उसकी मौत हो गई। अब बच्चों का भार भी उसके सिर पर आ गया है। वह नहीं समझ पा रही कि परिवार का पालन-पोषण कैसे करेगी।
2 साल में उजड़ा परिवार
राजबीर कौर ने बताया कि बीते दो सालों में ही उसका परिवार उजड़ गया। पहले दो बेटे नशे की भेंट चढ़ गए। उनमें से एक के भी 2 बच्चों को वह पाल रही है। अब यह तीसरा बेटा बिट्टू भी चल बसा है। घर के हालात ऐसे नहीं कि वह अकेले पूरे परिवार को संभाल सके। कई बार आलम यह होता है कि वह परिवार का पेट भरने के लिए गुरुद्वारे से खाना लाती है।
संस्कार के लिए भी पैसा नहीं
राजबीर ने बताया कि वह बीते कल से बेटे की लाश को घर में रख कर बैठी है। उसके पास संस्कार करने के लिए भी पैसे नहीं। जिसके बाद गांव के लोगों ने पैसे इकट्ठे किए हैं और कुछ उनके रिश्तेदारों ने पैसों की मदद की है।
गांव में बिकता है सरेआम नशा
राजबीर कौर ने बताया कि उनके गांव में सरेआम नशा बिकता है। पहले उनके बच्चे चिट्टे का नशा लेते थे। जिसके बाद उनका शरीर ही खत्म हो गया। कुछ समय से उनका यह बेटा नशा छुड़ाओ केंद्र से दवा ले रहा था, लेकिन उसकी हालत और खराब हो गई। राजबीर कौर का आरोप है कि गांव में नशा रोकने में पुलिस पूरी तरह से नाकामयाब साबित हुई है।
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