पंजाब में अमृतसर के छोटे से गांव बल सिकंदर में पले-बढ़े लवप्रीत सिंह ने इंग्लैंड में चल रहे कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान वेटलिफ्टिंग में 109 KG वेट कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल जीता। लवप्रीत ने स्नैच में 163 और क्लीन एंड जर्क में 192 KG वेट उठाया। उन्होंने कुल 355 KG वेट उठाकर तीसरा स्थान हासिल किया। हालांकि इस ब्रॉन्ज मेडल तक पहुंचने का सफर लवप्रीत के लिए आसान नहीं रहा।
कच्चे घर में बीता बचपन
लवप्रीत सिंह ने बेशक 109 KG वेट कैटेगरी में मेडल जीता हो, लेकिन वह कभी इतना हैवी-वेट नहीं था। बचपन में दुबला-पतला दिखने वाला लवप्रीत ज्यादातर शांत रहता था। लवप्रीत के पिता किरपाल सिंह आज भी दर्जी का काम करते हैं। किरपाल सिंह बताते हैं कि लवप्रीत का सारा बचपन कच्चे घर में बीता। लवप्रीत के दादा गुरमेज सिंह ठेले पर सब्जियां बेचा करते थे। लवप्रीत भी स्कूल से आते ही दादा के साथ सब्जियां बेचने चले जाता।
अपने पोते की सफलता से फूली नहीं समा रही दादी जसबीर कौर ने कहा- लवप्रीत इतना भोला था कि उसने कभी किसी काम को बड़ा-छोटा नहीं कहा। वह लोगों की शादियों में घोड़ियां भी लेकर जाता था। उनके पोते की किस्मत ने पलटा तब खाया, जब उसने नेवी की परीक्षा पास की।
8वीं में वेट लिफ्टिंग शुरू की
लवप्रीत की बहन मनप्रीत कौर ने बताया कि उनके भाई ने अमृतसर के राजासांसी स्थित सरकारी स्कूल में पढ़ाई की। जब लवप्रीत 8वीं में था, तभी गांव में रहने वाले वेट लिफ्टिंग के कोच हीरा सिंह ने उससे वेट लिफ्टिंग शुरू करवा दी। डीएवी सीनियर सेकेंडरी स्कूल से 12वीं करने वाला लवप्रीत वहां भी वेट लिफ्टिंग करता रहा। स्कूलिंग के दौरान उसने कई मेडल जीते। 12वीं के बाद लवप्रीत ने नेवी की परीक्षा दी और सिलेक्ट हो गया।
जीत के बाद मां को वीडियो कॉल पर दिखाया जश्न
मनप्रीत कौर ने बताया कि पिछले 6 साल से लवप्रीत घर से दूर है। पहले उसकी पटियाला में ट्रेनिंग चल रही थी। बीच-बीच में वह घर आया-जाया करता था लेकिन बीते 1 साल में तो एक बार भी घर नहीं आया। बस फोन पर ही बात हो पाती है। लवप्रीत की मां सुखविंदर कौर ने बताया कि कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए इंग्लैंड जाने से पहले लवप्रीत ने उन्हें फोन करके गुरुओं के सामने अरदास करने के लिए कहा था। उन्होंने बेटे के लिए वाहेगुरु से प्रार्थना की।
बुधवार को इंग्लैंड में ब्रॉन्ज मेडल जीतने के बाद लवप्रीत ने अपनी मां सुखविंदर कौर को वीडियो कॉल की और वहां जीत के बाद मनाए जा रहे जश्न को दिखाया।
परिवार की मेहनत पूरी, अब सरकार से आस
भाई हरप्रीत सिंह ने कहा- उनके पूरे परिवार ने लवप्रीत के साथ उसके बचपन से लेकर इस मेडल के जीतने तक बहुत मेहनत की है। जीतोड़ मेहनत के बाद लवप्रीत आज इस मुकाम तक पहुंचा है। अब सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि उसे अच्छी नौकरी और ईनाम दे ताकि उसे देखकर पंजाब के बाकी नौजवान भी गेम्स की तरफ जाने को मोटिवेट हों।
नेवी में अफसर है लवप्रीत
लवप्रीत सिंह इंडियन नेवी में अफसर है। उसका जन्म 6 सितंबर 1997 को अमृतसर के बल सिकंदर गांव में हुआ। वर्ष 2010 में महज 13 साल की उम्र में वेट लिफ्टिंग शुरू करने वाले लवप्रीत ने शुरुआती दिनों में नेशनल लेवल पर पहचान बनाने के लिए बहुत संघर्ष किया। वेट लिफ्टिंग से जुड़े नेशनल कैंप में शामिल होने के लिए उसने 7 साल तक मेहनत की। वर्ष 2017 से लवप्रीत हैवी वेट कैटेगरी में इंडियन नेशनल कैंप का अहम मेंबर है। वह इस समय इंडियन नेवी में अफसर है।
कई प्रतियोगिताओं में जीते मेडल
2021 कॉमनवेल्थ सीनियर चैंपियनशिप सिल्वर मेडलिस्ट, 2017 राष्ट्रमंडल जूनियर चैंपियनशिप गोल्ड मेडलिस्ट, 2017 एशियाई जूनियर चैंपियनशिप ब्रॉन्ज मेडलिस्ट।
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