विधानसभा हलका सुनाम से चुनाव लड़ कैबिनेट में पहुंचने वाले अमन अरोड़ा का जन्म कांग्रेसी परिवार में हुआ था। उनके पिता बाबू भगवान दास अरोड़ा कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे थे। कांग्रेस ने अमन अरोड़ा को भी 2 बार 2007 व 2012 में विधानसभा चुनावों में उतारा, पर हार हुई। इसके बाद आम आदमी पार्टी जॉइन करने के बाद अमन अरोड़ा के सितारे इतने बदले कि वह सबसे अधिक वोटों से जीतने वाले विधायक बन गए।
अमन अरोड़ा ने 2016 में आम आदमी पार्टी को जॉइन किया था। 2017 को पहली बार वह AAP की टिकट पर चुनाव लड़े और जीत गए। उनकी जीत का अंतर 30 हजार वोट से था। 2022 में अमन अरोड़ा पर AAP ने फिर दाव खेला और वह 75277 वोटों के अंतर से जीत गए। अरोड़ा परिवार में वह दूसरे इंसान थे, जो मंत्री बने। माना जाता है कि अमन अरोड़ा ने 2017 में विधायक बनने के बाद अपने इलाके के कामों में खासा रुची दिखाई और लोगों को अपने साथ जोड़ा। यही कारण है कि वह सर्वाधिक वोटों के अंतर से जीतने में सफल रहे।
उपचुनावों में भी सुनाम में आगे रही थी AAP
संगरूर लोकसभा उपचुनाव में आम आदमी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन सुनाम की बात करें तो यहां AAP को काफी बढ़त मिली थी। राजनीतिक गलियारों में यही चर्चा है कि सर्वाधिक वोटों के अंतर से जीत, दूसरी बार विधायक चुना जाना और उपचुनाव में आप का सुनाम में प्रदर्शन ने ही अमन अरोड़ा को कैबिनेट में जगह दिलवाई हे।
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