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जिले में कोरोना का टीका लगवाने के लिए हेल्थवर्करों और फ्रंटलाइन वॉरियर्स के कम आने की वजह से रोजाना वैक्सीन की कई डोज खराब हो रही हैं। शनिवार को जिले के 17 अस्पतालों में 678 लोगों का कोरोना का टीका लगाया गया। इस दौरान 13 अस्पतालों में वैक्सीन की 52 डोज वेस्ट हो गई। इनमें से 40 डोज तो सिर्फ 7 अस्पतालों में ही खराब हुई। इन 7 अस्पतालों में सिविल अस्पताल, डेंटल कॉलेज, काले घन्नूपुर, रणजीत एवेन्यू, बाबा बकाला, गुरु रामदास और अमनदीप अस्पताल मॉडल टाउन शामिल है।
16 जनवरी से कोरोना की वैक्सीनेशन शुरू हुई थी। 16 जनवरी से 6 फरवरी तक अमृतसर जिले में वैक्सीन की 641 डोज खराब हो चुकी हैं। इनमें से 99 डोज तो बीते दो दिनों यानि शुक्रवार-शनिवार को ही खराब हुईं। वैक्सीन की इसी वेस्टेज को रोकने के लिए अमृतसर के सिविल सर्जन डॉ. चरणजीत सिंह ने जिले के सभी सरकारी और गैरसरकारी अस्पतालों को निर्देश दिए हैं कि जब तक उनके पास वैक्सीन लगवाने के लिए 10 लोग पहुंच न जाएं, तब तक नई वायल न खोली जाए।
सिविल सर्जन ने सरकारी और गैरसरकारी अस्पतालों में कोरोना वैक्सीनेशन में तैनात स्टाफ को निर्देश दिए हैं कि सुबह वैक्सीनेशन के दौरान वायल तभी खोली जाए जब 10 लोग पहुंच चुके हों। दूसरी शिफ्ट में 12 बजे के बाद भी वैक्सीन की नई वायल तभी खुलेगी जब टीका लगवाने के लिए 10 लोग वहां मौजूद हों। सिविल सर्जन ने कहा कि वैक्सीनेशन का टारगेट पूरा करने के साथ ही इसकी वेस्टेज रोकना भी जरूरी है क्योंकि यह लोगों के लिए रक्षा कवच जैसी है। उन्होंने हेल्थवर्करों और फ्रंटलाइन वॉरियर्स से अपील की कि वह ज्यादा से ज्यादा संख्या में वैक्सीनेशन के लिए आगे आएं।
शनिवार को अमृतसर के 17 में से 14 सरकारी अस्पतालों में 531 लोगों को वैक्सीन दी गई। इनमें 188 सेहतकर्मी और 343 फ्रंटलाइन वर्कर थे। अमृतसर चिल्ड्रन ओपीडी पीपी यूनिट में 19, बाबा बकाला में 25, सिविल अस्पताल में 135, लोपोके में 97, मानांवाला में 38, रणजीत एवेन्यू में 15, तरसिक्का में 10, वेरका में 19, गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज में 54, घन्नूपुर काले में 83, अजनाला में 20 और मजीठा में 16 लोगों को टीका लगा। 2 सरकारी अस्पतालों- रमदास और सकत्तरी बाग-में एक भी टीका नहीं लगाया गया।
13 सरकारी अस्पतालों में 39 और 3 निजी अस्पतालों में 13 डाेज हुईं खराब
अमृतसर में शुक्रवार को टीकाकरण के दौरान कोरोना वैक्सीन की 47 डोज बेकार गई थीं जो शनिवार को बढ़कर 52 हो गईं। इनमें से 39 डोज सरकारी अस्पतालों में और 13 डाेज निजी अस्पतालों में खराब हुई। सरकारी अस्पतालों में अमृतसर चिल्ड्रन ओपीडी में 1, बाबा बकाला में 5, सिविल अस्पताल में 5, लोपोके में 3, मानांवाला में 2, रणजीत एवेन्यू में 5, वेरका में 1, डेंटल कॉलेज में 6, घन्नूपुर काले में 7 और मजीठा में 4 डोज बेकार गई। प्राइवेट अस्पतालों की बात करें तो गुरु रामदास अस्पताल वल्ला में 6, डेरा ब्यास में 1 और अमनदीप अस्पताल में 6 डोज बेकार गईं।
वैक्सीन बेकार जाने का कारण
एक वायल में वैक्सीन की 10 डोज होती हैं। एक आदमी को 5 एमएल की डाेज लगाई जाती है। वायल खुलने के 4 घंटे बाद उसकी वैक्सीन खराब हो जाती है। किसी वायल खुल जाने के बाद अगर 4 घंटे में 10 लाभार्थी नहीं आते तो उसकी दवा फेंकनी पड़ती है।
3 प्राइवेट अस्पतालों में 147 को लगे टीके
शनिवार को जिले के तीन प्राइवेट अस्पतालों में 147 हेल्थवर्करों को टीका लगाया गया। इनमें गुरु रामदास अस्पताल वल्ला में 44, डेरा ब्यास में 79 और अमनदीप अस्पताल मॉडल टाउन में 24 सेहतकर्मियों को वैक्सीन दी गई। इन तीनों प्राइवेट अस्पतालों में एक भी फ्रंटलाइन वॉरियर्स टीका लगवाने नहीं पहुंचा।
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