फिक्स डिपाजिट (FD) खुलवाने गए दंपति के अकाउंट से 6.23 लाख रुपए निकल गए। दंपति दो महीनों तक बैंक के चक्कर लगाता रहा और शिकायतें करता रहा। अब पुलिस ने मामले की जांच शुरु की तो बैंक ने डेबिट रकम वापस करने के लिए मेल भी डाल दी। फिलहाल पुलिस ने उत्तर प्रदेश निवासी सरोज और अनामिका के खिलाफ मामले दर्ज कर लिए हैं।
पीड़ित आशा अरोड़ा और विजय अरोड़ा ने बताया कि यह फ्रॉड उनके साथ 17 सितंबर को हुआ था। 16 सितंबर को उनकी इंडसलैंड बैंक से 6.23 लाख रुपए की FD मैच्योर हो गई थी। वह जब बैंक उस FD को अकाउंट में डलवाने गए तो बैंक ने तुरंत पैसे ट्रांसफर करने से मना कर दिया। बैंक का कहना था कि यह FD ऑनलाइन है और कुछ दिन इसमें लगेंगे। अगले ही दिन सुबह उनके अकाउंट में पैसे ट्रांसफर होने का मैसेज आ गया। वह बैंक गए तो देखा कि उनके एकाउंट से 11 ट्रांजेक्शन हुईं और सारा पैसा दो खातों में चला गया।
इंडसलैंड बैंक में ही हैं आरोपियों के खाते
विजय कुमार ने बताया कि उन्होंने तुरंत बैंक से संपर्क किया। बैंक वालों ने उनकी बात सुनी ही नहीं। पुलिस में शिकायत की तो मामले की जांच शुरु हुई। जांच में सामने आया कि जिन दो अकांउटों में पैसे ट्रांसफर हुए वे दोनों ही इंडसलैंड बैंक में थे। उन्होंने बैंक से संपर्क किया और दोनों खातों से पैसे वापस लाने की शिकायत दर्ज की, लेकिन बैंक का जवाब हैरान करने वाला था। बैंक ने जवाब दिया कि आपके अकाउंट से पैसे ट्रांसफर हुए हैं, यह कस्टमर की गलती है।
खुद ही ऑनलाइन बैंकिंग से मोबाइल नंबर हो गया चेंज
विजय कुमार ने बताया कि तफ्तीश में बैंक की तरफ से की जा रही धांधली सामने आई है। उनके FD खुलवाने की रिक्वेस्ट के बाद उनके ऑनलाइन बैंकिंग अकाउंट से मोबाइल नंबर और ई-मेल ही बदल दिए गए। इतना ही नहीं दो नए अकाउंट उनके ऑन लाइन बैनिफिश्री अकाउंट में जोड़े गए और इन सब का एक भी मैसेज उन्हें नहीं आया।
ढाई महीने बाद बैंक पैसे डैबिट करने के लिए हुआ राजी
यह सब बातें सामने आने के बाद उन्होंने RBI ओम्बुड्समैन में शिकायत दर्ज की। वहीं दूसरी ओर पुलिस ने भी इस मामले में बैंक से बात की, इसके बाद बैंक ने ढाई महीनों के बाद ट्रांसफर पैसों को दोबारा विजय कुमार के खाते में ट्रांसफर करने पर सहमति जताई है। फिलहाल विजय कुमार को इंतजार है कि इस रजामंदी के बाद भी कब उनके खातों में पैसे ट्रांसफर होंगे।
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