पंजाब के अमृतसर में G20 सम्मेलन के तहत 19 और 20 मार्च को दूसरी बैठक होने जा रही हैं। इस बैठक का विषय लेबर रखा गया है। इसमें भी 20 देशों के उच्च पदाधिकारी भाग लेने के लिए अमृतसर पहुंचना शुरू हो गए हैं। जिनका स्वागत ढोल के साथ और पगड़ी व फूल मालाएं पहनाकर किया जा रहा है। डीसी अमृतसर हरप्रीत सिंह सूदन खुद स्वागत की तैयारियों को देखने के लिए पहुंचे।
G20 सम्मेलन की इस दूसरी बैठक में लेबर विषय पर बातचीत की जाएगी। इस बैठक में भी करोना काल में हुए बदलावों और उस समय के दौर में लेबर को क्या परेशानी उठानी पड़ी पर विचार किया जाना है। इसके अलावा दो विषयों को प्रायोरिटी पर रखा गया है। जिनमें से पहला महिलाएं और काम का भविष्य है। जबकि दूसरा विषय सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा को चुना गया है। आज शाम तक सभी 20 देशों के डेलिगेट्स के पहुंचने का अनुमान है।
साल 1999 में G-20 की स्थापना
G20 की स्थापना 1999 में एशियाई वित्तीय संकट के बाद वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों के लिए वैश्विक आर्थिक और वित्तीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक मंच के रूप में की गई थी। 2007 के वैश्विक आर्थिक और वित्तीय संकट के मद्देनजर G20 को राष्ट्राध्यक्षों/शासनाध्यक्षों के स्तर तक उन्नत किया गया था, और 2009 में इसे 'अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के लिए प्रमुख मंच' के रूप में नामित किया गया था।
G-20 में अमेरिका सहित 19 देश शामिल
G20 में भारत, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका सहित 19 देश शामिल हैं। G20 शिखर सम्मेलन प्रतिवर्ष एक क्रमिक अध्यक्षता में आयोजित किया जाता है।
शुरुआत में G20 व्यापक आर्थिक मुद्दों पर केंद्रित था, लेकिन बाद में इसके एजेंडे में विस्तार करते हुए इसमें अन्य बातों के साथ व्यापार, जलवायु परिवर्तन, सतत विकास, स्वास्थ्य, कृषि, ऊर्जा, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और भ्रष्टाचार-विरोध शामिल किया गया।
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