केंद्र सरकार की नई GST पॉलिसी में अब गुरुद्वारों, मंदिरों व मस्जिदों में बनी लग्जरी सराय पर भी टैक्स अदा करना होगा। केंद्र सरकार ने लग्जरी सराय पर 12% टैक्स स्लैब में जोड़ा है, लेकिन शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने इसका विरोध किया है। उन्होंने केंद्र सरकार को यह कर वापस लेने के लिए कहा है। उनका कहना है कि सराय कोई व्यवसाय नहीं है।
गौरबलत है कि 2022 में केंद्र सरकार ने GST में काफी अधिक बदलाव किए हैं, जिसमें देश के अंदर बनी सभी लग्जरी सराय पर भी 12% का टैक्स लगा दिया गया है। इसका विरोध SGPC ने शुरू किया है। दरअसल, SGPC के अंतर्गत बनी सारागढ़ी निवास, गुरु गोबिंद सिंह NRI निवास, बाबा दीप सिंह निवास और माता भाग कौर निवास सभी 4 सराय लग्जरी कैटेगरी में आती हैं। इनमें ठहरने के लिए लोगों को 1000 से 1100 रुपए देने होते हैं, लेकिन केंद्र के आदेश अनुसार इन पर अब 12% तक टैक्स अदा करना होगा।
संगत पर अतिरिक्त बोझ यह टैक्स
SGPC के सहायक सचिव मीडिया कुलविंदर सिंह रामदास ने कहा कि भारत सरकार का यह फैसला बेहद निंदनीय है। इस संगत विरोधी निर्णय को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए। दुनियाभर से लाखों श्रद्धालु रोजाना स्वर्ण मंदिर में दर्शन करने आते हैं, जिनके ठहरने के लिए सराय का निर्माण कर रखा है, लेकिन दुख की बात है कि भारत सरकार ने सरायों पर GST लगाकर संगत पर अतिरिक्त बोझ डाला है।
सराय से एकत्रित पैसा जन-कल्याण में होता प्रयोग
SGPC का कहना है कि सराय को चलाना कोई व्यवसाय नहीं है। SGPC संगत द्वारा दिए गए दान का उपयोग गुरुद्वारा साहिबों के प्रबंधन के लिए करती है। इसके अलावा संगत को सुविधाएं दी जाती हैं। समय-समय पर, सार्वजनिक कल्याण के कामों में इस पैसे का प्रयोग होता है। प्राकृतिक आपदाओं के दौरान इसी पैसे से मानवीय सहायता प्रदान की जाती है।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.