भारत सरकार ने सोमवार को इंटरनेशनल बॉर्डर पार कर भारतीय सीमा में दाखिल होने वाले तीन पाकिस्तानी नागरिकों को अटारी सीमा के रास्ते रिहा कर वापस भेजा। तीनों पाकिस्तानी नागरिक तकरीबन तीन साल पहले बॉर्डर पार कर भारतीय सीमा में आ गए थे। उन्हें सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने पकड़ा था। इसके बाद तीनों को तीन-तीन साल की सजा सुनाई गई।
प्रोटोकॉल अधिकारी अरुण पाल ने बताया कि भारत सरकार के आदेश पर पाकिस्तान के तीन नागरिकों मोहम्मद सैफ, मोहम्मद लतीफ और अदनान अली को पाकिस्तान भेजा जा रहा है। तीनों गलती से भारतीय सीमा में आ गए थे। तीनों को तीन-तीन साल की कैद हुई और तीनों सजा पूरी कर चुके हैं। तीनों कैदियों ने पाकिस्तान जाने से पहले भारतीय सरकार से अनुरोध किया कि सहरद पर गलत काम करने वाले या तस्करी करने वालों को पकड़ना चाहिए, अन्य को छोड़ देना चाहिए।
कंटीले तार को समझ लिया बॉर्डर
मोहम्मद सैफ ने बताया कि वह पाकिस्तान एरिया में इंटरनेशनल बॉर्डर के पास शादी में भाग लेने आए थे। वहां से बॉर्डर देखने पहुंच गए। वह जीरो लाइन पर खड़े थे कि BSF जवानों ने उन्हें बुला लिया। इसके बाद उन्हें बताया गया कि वह फिरोजपुर सेक्टर में भारतीय सीमा में खड़े हैं। मोहम्मद सैफ ने बताया कि उन्हें लगा कि जिस जगह कंटीली तार लगी है, वह इंटरनेशनल बॉर्डर है। उन्हें नहीं पता था कि कंटीले तार जीरो लाइन से आगे भारतीय सीमा में लगे हैं। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
तीन साल बाद मिलूंगा बच्चों से
मोहम्मद ने बताया कि वह पाकिस्तान के उकाड़ा जिले का रहने वाला है और राजमिस्त्री का काम करता था। उसके तीन बच्चे, बीवी और माता-पिता हैं। उनकी सजा के बीच कोरोनाकाल भी आया। उन्हें नहीं पता कि पाकिस्तान में उनके माता-पिता के साथ क्या हुआ? और उन्होंने ये तीन साल कैसे गुजारे? अब वह तीन साल बाद अपने परिवार और बच्चों से मिलेंगे।
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