पंजाब के लुधियाना में गुरु गोबिंद सिंह मार्ग पर बने गेट को तोड़ दिया गया। केंद्र की नेशनल हाईवे अथॉरिटी इस सड़क का विस्तार व नवीनीकरण कर रही है, लेकिन शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने गेट तोड़ते समय उस पर श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के नाम और खंडा साहिब की हुई बेअदबी पर ऐतराज जता दिया है।
शिरोमिण गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का कहना है कि गुरु गोबिंद सिंह मार्ग का उद्घाटन 1972 में हुआ था और यह सिख विरासत का हिस्सा है। इस मार्ग को 10वें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की चरण छोह प्राप्त है। SGPC ने कहा कि वे NHAI द्वारा करवाए जा रहे विकास का स्वागत करते हैं, लेकिन सिख प्रतीक खंडा और गुरु के नाम का अपमान कड़ी निंदा योग्य व असहनीय है।
पवित्रता बनाए रखना सरकार की जिम्मेदारी
SGPC ने कहा कि सिख धर्म से जुड़े चिन्हों व मर्यादा की पवित्रता बनाए रखना सरकार की जिम्मेदारी है। मील पत्थर व गेट को गिराते समय इस पर लिखे श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के नाम और खंडा साहिब को उतारा जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
SGPC ने इस मार्ग पर किए जा रहे विकास कार्यों की प्रशंसा की है, लेकिन इस गेट को गिराते समय जिसने भी सिख मर्यादा का उल्लंघन किया है, उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग SGPC ने कर दी है। SGPC ने कहा कि सिख भावनाओं से जुड़े सिख प्रतीकों और स्थानों से संभालने की एक मर्यादा होती है। जिसका पालन नहीं किया गया।
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