व्यक्ति अपनी जीवन यात्रा का समापन श्मशान घाट पर करता है, लेकिन अमृतसर में श्मशान घाट पर एक शादी हुई है और नव दंपती ने अपने नए जीवन की शुरुआत यहां से की है। परिवार गरीब था, जो बेटी की शादी के लिए पैलेस बुक नहीं करवा सकता था। इलाका निवासियों ने मदद के साथ बेटी की यहां शादी की और यहीं से डोली को भी विदा किया।
स्थानीय लोगों ने बताया कि जोड़ा फाटक से बिल्ला वाला चौक मोहकमपुरा के श्मशान घाट में यह शादी करवाई गई है। दादा-दादी और उनकी एक पोती लंबे समय से यहां रह रहे थे। कुछ समय पहले दादा का देहांत हो गया, दादी की उम्र भी काफी अधिक है। पोती का गम उन्हें खा रहा था। जिसके बाद इलाका निवासियों ने बेटी के लिए एक अच्छा लड़का ढूंढा और शादी की तैयारियां शुरू कर दीं।
पैलेस करने के लिए पैसे नहीं थे
गरीब परिवार होने के कारण शादी करने के लिए दादी के पास पैसे नहीं थे। इलाका निवासियों ने शादी के लिए पैसे इकट्ठे किए। बेटी को देने के लिए कुछ सामान और खाने का इंतजाम किया। जिसके बाद श्मशान घाट में ही बेटी की लांवें की गईं और वहीं से डोली भी रवाना की गई।
श्मशान से पवित्र कोई जगह नहीं
लोगों का कहना है कि श्मशान से पवित्र कोई जगह नहीं है। लोग यहां आने से डरते हैं, लेकिन सत्य है कि यहां सभी को आना है। जब इस शादी को यहां करने का फैसला किया गया तो कई उन पर हंसे भी थे। लेकिन जब लड़के वाले खुद राजी हो गए तो सभी ने यहीं शादी करने की तैयारियां शुरू कर दीं।
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