पटियाला में हिंदुओं व सिखों के बीच खड़े हुए विवाद पर श्री अकाल तख्त साहिब पर बुलाए गए सिख संगठन की बैठक देर शाम समाप्त हुई। अंत में श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने संबोधन करते हुए बैठक को खत्म किया। जिसमें उन्होंने देश में वोटों की हो रही राजनीति को पटियाला हिंसा का कारण बताया है।
शुक्रवार शाम विभिन्न सिख संगठनों की मुखियों ने अपने विचार रखे। अंत में ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने सभी सिख संगठनों को एक साथ मिलकर सिखों के हकों के लिए लड़ने की बात कही। उनका कहना था कि लड़ाई संगठनों से लड़ी जाती है और संगठन की लड़ाई की जीत भी होती है। इसके साथ ही उन्होंने देश में हो रही वोटों की राजनीति पर अपने विचार रखे। उनका कहना था कि पंजाब में ऐसा माहौल बनाया जा रहा है, जिसमें पंजाबियों को उनकी जमीन छोड़ने पर मजबूर किया जा रहा है। दिल्ली की सरकारें वोट बनाने के लिए सिखों को नीचे झुकाना चाहती हैं। लेकिन हिंदू अगर सोचते हैं कि दिल्ली में बैठी सरकार उनकी हिमायती है तो यह सोचना गलत है।
मानसिक व शारीरिक तौर पर गुलाम बन रहे सिख
ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने पंजाब की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पंजाबियों को मानसिक व शारीरिक तौर पर गुलाम बनाया जा रहा है। पंजाब की फसलें व नसलें खराब हो रही हैं। पंजाब की ही अकेले बात करें तो राज्य में 625 टेस्ट ट्यूब सेंटर खुल चुके हैं। जिनमें कोख को पंजाब की बेटियों की होती हैं, लेकिन सीमन बाहरी होता है। इस पर चिंता करने की जरूरत है।
सिखों पर दर्ज पर्चों के लिए इकट्ठे लड़ेंगे
अंत में ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि पटियाला हिंसा के बाद सिखों पर पर्चे दर्ज किए गए। इतना ही नहीं, उनके परिवारों को थानों में बुलाकर जलील किया गया। यह बात असहनीय है। सिखों के लिए परे विश्व के सिख मिलकर लड़ेंगे। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने एक कमेटी का गठन करने के लिए कहा है, जो पटियाला में हुई हिंसा पर अपनी रिपोर्ट बनाएगी।
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