तरनतारन नगर काउंसिल 11 करोड़ी घोटाले में मुख्य आरोपी एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (ईओ) और सेनेटरी इंस्पेक्टर लेन-देन का सारा सिस्टम अपने तरीके से चलाते रहे हैं। जिसका खुलासा चीफ विजिलेंस ऑफिसर और उनकी टीम की जांच में हुआ है।
दफ्तरी स्टाफ ने बयानों में कहा कि चेक बुक्स-कैश बुक्स और गाड़ियों की लाॅग बुक्स सब इनके कब्जे में रहती थी और वही लाेग भरते थे। सरकारी ग्रांटों, खरीदो-फरोख्त और पेमेंट का सिस्टम इनके हाथ में ही था। अकाउंटेंट और अकाउटेंट क्लर्कों का कहना रहा कि कैश बुक्स और चेक बुक्स उनकी ओर से नहीं भरी जाती थी।
गाड़ियों की लाॅगबुक्स सेनेटरी इंस्पेक्टर के पास रहती थी- ड्राइवर
आउटसोर्स ड्राइवर दविंदर सिंह ने बताया कि लाॅगबुक सेनेटरी इंस्पेक्टर राजीव ही भरते थे। नगर काउंसिल के स्थायी ड्राइवर परमजीत के मुताबिक वह ट्रैक्टर चलाता है। ट्रैक्टर की लाॅगबुक उसकी ओर से नहीं भरी जाती और लाॅगबुक सेनेटरी इंस्पेक्टर राजीव कुमार ही भरता था। नगर काउंसिल की 11 गाड़ियों में से सिर्फ 7 गाड़ियों की लाॅग बुक्स का रिकाॅर्ड ही सीवीओ की टीम को मुहैया कराया। जिसमें लाॅग बुक्स पिछले साल मार्च, अगस्त, सितंबर के बाद भरी ही नहीं गई।
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