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जुझारू कम्युनिस्ट, मजदूर, किसान और मुलाजिम नेता दातार सिंह के आकस्मिक निधन से उक्त क्षेत्र में खालीपन पैदा हो गया। रविवार शाम विरसा विहार में समागम के बाद खामोश हो गए दिग्गज इंकलाबी के अंतिम संस्कार में देरी होगी, क्योंकि बेटे गुरप्रीत सिंह गोपी और बेटी जीवन ज्योत कौर के आस्ट्रेलिया से आने के बाद ही संस्कार होगा। दातार सिंह के पिता भान सिंह अटारी के पास गांव घरिंडी में रहते थे। पिता भान सिंह मुल्तान में आरपीएफ की नौकरी करते थे। छोटे भाई अमरीक सिंह ने बताया कि बंटवारे की कत्लोगारत की कहानियों ने उन्हें इंकलाबी बनाया।
ऑपरेशन ब्लू स्टार का भी किया था विरोध... डीटीएफ के जिला प्रधान रहे अमरजीत सिंह भल्ला ने कहा कि 1978 में निरंकारी कांड के बाद वह विरोध करने लगे। 85 में अग्रणी नेताओं को पुलिस और आतंकियों द्वारा मारा गया। इसके खिलाफ वह बेखौफ मुखर हो गए। 1986 के दौर में वह भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (एमएल) से जुड़े और ऑपरेशन ब्लू स्टार का विरोध किया था।
पॉजिटिव- इस समय ग्रह स्थितियां पूर्णतः अनुकूल है। सम्मानजनक स्थितियां बनेंगी। विद्यार्थियों को कैरियर संबंधी किसी समस्या का समाधान मिलने से उत्साह में वृद्धि होगी। आप अपनी किसी कमजोरी पर भी विजय हासिल...
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