पंजाब के अजनाला थाने पर समर्थकों संग हमला करने वाले खालिस्तान समर्थक 'वारिस पंजाब दे' चीफ अमृतपाल ने खुद को भारतीय नागरिक मानने से इनकार कर दिया है। अमृतपाल ने एक न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में कहा - मैं खुद को इंडियन सिटीजन नहीं मानता। पासपोर्ट सिर्फ एक यात्रा का डॉक्यूमेंट है, इससे कोई भारतीय नहीं बन जाता।
बता दें कि अमृतपाल ने अपने करीबी लवप्रीत सिंह तूफान को छुड़ाने के लिए समर्थकों समेत अजनाला पुलिस थाने को घेर लिया। जिसके बाद पंजाब पुलिस उसके आगे झुक गई और तूफान को जेल से रिहा करवा दिया।
शांतिपूर्ण प्रदर्शन रोका तो हिंसा नहीं रोक पाएगी पुलिस
अमृतपाल ने कहा कि अगर पुलिस ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन को रोका तो फिर हिंसा को रोकना उनके वश में नहीं होगा। दहशतगर्दी ऐसी चीज नहीं कि मैं उसे शुरू कर सकूं। कोई भी व्यक्ति न तो दहशतगर्दी को शुरू कर सकता है और न ही खत्म। यह कुदरती है। दहशतगर्दी तब पैदा होती है, जब किसी को हद से ज्यादा दबाया जाता है।
अमित शाह ने हमें धमकी दी
अमृतपाल ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बयान दिया था कि खालिस्तानी आंदोलन को दबा देंगे। इसके जवाब में मैंने कहा था कि इसके नतीजे भुगतने पड़ेंगे। इसका मतलब यह नहीं था कि अमित शाह का हश्र इंदिरा गांधी की हत्या जैसे होगा। यह अमित शाह को धमकी नहीं थी बल्कि उन्होंने हमें धमकी दी थी।
खालिस्तान बहुत सामान्य चर्चा
अमृतपाल ने कहा कि खालिस्तान पंजाब में बहुत सामान्य बात है। अमृतपाल ने कहा कि अगर कोई पंजाबी नहीं और पंजाब में नहीं आता तो उसे यह डरावना लगता है। मगर ऐसा नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा कि यह अपराध नहीं। संगरूर से सांसद भी खालिस्तान जिंदाबाद कहता है।
हिंदू राष्ट्र खालिस्तान के विपरीत
अमृतपाल ने खालिस्तान को हिंदू राष्ट्र से जोड़ा। अमृतपाल ने कहा कि हिंदू राष्ट्र क्या है?, यह कहां स्थापित है। जब लोग इसकी वकालत करते हैं तो लोग खतरा महसूस नहीं करते। कभी-कभी इसके लिए हिंसक तरीका अपनाया जाता है कि हम किसी को जीने नहीं देंगे, सबको हिंदू बना देंगे। हिंदू राष्ट्र का विचार खालिस्तान से पूरी तरह उलट है। हिंदू राष्ट्र अन्य पहचान शामिल नहीं है, या तो आप एक हिंदू हैं या मृत हैं। वे आपको विकल्प नहीं देते हैं। खालिस्तान का विचार इतना शुद्ध है, यह विचार खालिस्तान का राज है,
कौन है अमृतपाल
अमृतपाल कुछ समय पहले तक दुबई में ट्रांसपोर्ट बिजनेस करता था। किसान आंदोलन और लाल किला हिंसा के चर्चित चेहरे दीप सिद्धू की एक्सीडेंट में मौत के बाद अमृतपाल पंजाब लौटा। यहां आकर उसने दीप सिद्धू के संगठन 'वारिस पंजाब दे' की कमान संभाली।
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अमृतपाल के आगे झुकी पंजाब पुलिस
पंजाब के अमृतसर में अजनाला पुलिस स्टेशन पर कल हुए हमले के बाद पंजाब पुलिस सिख प्रचारक अमृतपाल सिंह के आगे झुक गई है। पुलिस ने कोर्ट में उसके साथी लवप्रीत तूफान को केस से डिस्चार्ज करने की एप्लीकेशन दायर की। जिसके बाद कोर्ट से लवप्रीत तूफान की रिहाई के आदेश जारी हो गए हैं। जिसके बाद कोर्ट के ऑर्डर परिवार को सौंप दिए गए हैं। (पूरी खबर पढ़ें)
अमृतसर में कट्टरपंथी अमृतपाल समर्थकों का थाने पर हमला:बंदूकें-तलवार लेकर घुसे, दबाव में पुलिस आरोपी की रिहाई को तैयार
पंजाब में गुरुवार को खालिस्तान समर्थक संगठन 'वारिस पंजाब दे' से जुड़े हजारों लोगों ने अमृतसर के अजनाला थाने पर हमला कर दिया। इनके हाथों में बंदूकें और तलवारें थीं। ये लोग संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह के करीबी लवप्रीत सिंह तूफान की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे थे। इनके हमले के बाद दबाव में आई पंजाब पुलिस ने आरोपी को रिहा करने का ऐलान कर दिया (पूरी खबर पढ़ें)
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