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बरनाला रेलवे स्टेशन के पास 30 किसान संगठनों के चल रहे धरने बड़ी संख्या में किसान पहुंचे। किसानों ने एलान किया कि जब तक कृषि कानून वापिस नहीं होते तब तक वह संघर्ष को किसी तरह से जारी रखेंगे। किसान नेता संघर्षशील नेता नारायण दत्त ने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से धक्के शाही की जा रही है। जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। किसानों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। 27 फरवरी को किसान फिर से दिल्ली जाने के लिए तैयार हो रहे हैं। धरना को मास्टर निरंजन सिंह, चरणजीत कौर, प्रेमपाल कौर, गुरप्रीत, जगराज, डॉ राजिंदरपाल और बलवीर कौर ने भी संबोधित किया।
प्रवक्ताओं ने कहा कि अजीत सिंह का जन्मदिन 23 को, जो शहीद भगत सिंह के चाचा थे, मोर्चा द्वारा ‘पगड़ी की देखभाल जट्ट’ दिवस के रूप में मनाया जाएगा। चाचा अजीत सिंह ने 1907 में ब्रिटिश निपटान कानून के खिलाफ लगातार नौ महीने तक आंदोलन किया था और उन्होंने काले कानून को रद्द करके जीत हासिल की थी। हम उन महान देशभक्तों और क्रांतिकारियों के उत्तराधिकारी हैं और हम भी इन तीन काले कृषि कानूनों
को रद्द होंगे। भले ही हमें चाचा अजीत सिंह की तुलना में लंबे समय तक आंदोलन चलाना पड़े। किसान आंदोलन को हर वर्ग का समर्थन मिल रहा है। संयुक्त राज्य अमेरिका में किसानों, श्रमिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के 87 संगठनों ने हमारे किसान आंदोलन का समर्थन किया।
पॉजिटिव- आज समय कुछ मिला-जुला प्रभाव ला रहा है। पिछले कुछ समय से नजदीकी संबंधों के बीच चल रहे गिले-शिकवे दूर होंगे। आपकी मेहनत और प्रयास के सार्थक परिणाम सामने आएंगे। किसी धार्मिक स्थल पर जाने से आपको...
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